इन दिनों दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक समस्या बनता जा रहा है। जहरीली हवा में सांस तक लेना मुश्किल हो जाता है और लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। गले में खराश, खांसी, आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी आम बात हो गई है। ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए लोग अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन मंहगे होने के कारण कुछ लोगों के लिए इसका इस्तेमाल करना संभव नहीं है योग और प्राणायाम भी वायु प्रदूषण से बचने के लिए अच्छा विकल्प है। योग करने से शरीर की नाड़ियां शुद्ध होती है और विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं योगासन और प्राणायाम करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है जिससे प्रदूषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। प्रकृति की रक्षा करने के लिए लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 2 दिसंबर यानी की आज 'नेशनल पॉल्यूशन प्रीवेंशन डे' मनाया जा रहा है। ऐसे में आज इस मौके पर आपको कुछ ऐसे योगासन बताते हैं जो आपके शरीर को स्वस्थ रखेंगे....
भुजंगासन
इस आसन में शरीर को सर्प की लेटाया जाता है इसलिए इसे भुजंगासन कहते हैं। इसे करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और गहरी सांस लेने में मदद मिलती है। इस आसन से फेफड़ों पर दबाव डालकर उन्हें मजबूत बनाया जाता है।
कपालाभाति प्राणायाम
वायु प्रदूषण से बचाने के लिए कपालभाती प्राणायाम भी बेहद फायदेमंद है। इस प्राणायाम में गहरी सांस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और शरीर को बेहतर तरीके से ऑक्सीजन लेने में मदद मिलती है। यह फेफड़ों को मजबूत बनाता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करता है। नियमित इस प्राणायाम का अभ्यास करने से वायु प्रदूषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है सांस से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।
अनुलोम विलोम
वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव से बचने के लिए आप अनुलोम विलोम कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो रोजाना 5-7 मिनट इस आसन का अभ्यास करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं। इसके अलावा अनुलोम विलोम करने से सांस संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
भस्त्रिका
वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए भस्त्रिका योगासन भी काफी लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा नियमित तौर पर इस आसन का अभ्यास करने से पेट की चर्बी घटाने में भी मदद मिलती है। इस प्राणायाम को रोजाना करने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाती है। वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है यह सांस की गति और गहराई को बढ़ाता है जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है।