दुनिया को कोरोना वायरस की मुसीबत झेल रहे तकरीबन 1 साल से ज्यादा समय हो चुका है लेकिन इसके बढ़ते केस लोगों की चिंता कम करने की बजाए और बढ़ा रहे हैं। तमाम देशों में इसका वैक्सीनेशन अभियान भी शुरू हो गया है। भारत में भी 16 जनवरी को वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया था और 1 मार्च से इसका दूसरा चरण भी शुरू हो गया है। कोरोना को लेकर रोजाना बहुत सारी स्टडीज और रिसर्च सामने आती रहती हैं। ज्यादातर रिसर्च में यही बात कही गई है कि कोरोना का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को है जिन्हें पहले से कोई बीमारी है।
इन लोगों को कोरोना का सबसे अधिक खतरा
जैसा कि रिसर्च में यह बात सामने आई है कि उन लोगों को इस वायरस से सबसे अधिक खतरा है जिन्हें पहले से कोई बीमारी है और इन बीमारियों में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल के मरीज सबसे ज्यादा थे। वहीं अब वायरस पर एक और नई स्टडी सामने आई है। इस नई स्टडी में कहा गया है कि इस वायरस से उन महिलाओं को भी सबसे अधिक खतरा है जिन्हें PCOS यानि कि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की परेशानी है।
PCOS के कारण महिलाओं को कोरोना का खतरा
दरअसल यह स्टडी हाल ही में यूरोपियन जर्नल ऑफ इंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित की गई है। इस स्टडी की मानें तो जो महिलाएं PCOS की शिकार हैं या जिन्हें यह समस्या है उन्हें कोरोना होना का सबसे अधिक खतरा है।
स्टडी में सामने आई यह बात
इस स्टडी के दौरान जब स्वस्थ महिलाओं और उन महिलाओं में तुलना की गई यानि जिन्हें PCOS था। तो यह बात सामने आई कि जो महिलाएं PCOS की शिकार हैं उन्हों कोरोना होने का अधिक खतरा है। जिस तरह पहले बाकी स्टडीज में यह बात सामने आई थी कि अगर किसी को डायबिटीज का खतरा है, दिल की बीमारी है या फिर किडनी की परेशानी या उन लोगों को कोरोना का अधिक खतरा है जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। अब इस कड़ी में PCOS भी शामिल हो गया है। इतना ही नहीं इन महिलाओं को 51% कोरोना का खतरा है।
तो चलिए अब आपको बताते हैं कि PCOS क्या होता है और इसके क्या लक्षण हैं
PCOS आज एक ऐसी आम बीमारी बन चुकी है। देखा जाए तो हर 5 में से 1 महिला इसका शिकार है। हालांकि बहुत सारी महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हें PCOS और PCOD में फर्क नहीं मालूम। तो चलिए इसका फर्क भी समझ लीजिए और इसके लक्षण भी जान लें। दरअसल पीसीओएस यानि पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम और पीसीओडी यानि पॉलीसिस्टिक ओवेरी डिसआर्डर। यह दोनों ही समस्या हार्मोनल असंतुलन के कारण होती हैं और अंडाशय की खराबी से जुड़ी होती है लेकिन दोनों में थोड़ा मगर महत्वपूर्ण फर्क है। पीसीओडी के मामले में, महिलाओं के बॉडी में बहुत सारे अनचाहे बाल उगने लगते है जबकि पीसीओएस में बाल झड़ने लगते हैं।
क्यों महिलाएं हो रही PCOS की शिकार?
. खराब लाइफस्टाइल
. फास्ट फूड खाना
. चीनी से भरपूर चीजों का सेवन
. फिजीकल एक्टिविटी ना के बराबर यानि लिमिटेड चलना-फिरना, एक्सरसाइज ना करना
. तनाव या प्रैशर में रहना।
. बढ़ा हुआ वजन
ये हैं PCOS के लक्षण
. अनियमित पीरियड्स
. गर्भधारण करने में मुश्किल
. अनचाहे बालों की समस्या
. मुंहासे और त्वचा की अन्य समस्याएं
. लगातार वजन बढ़ना
. डिप्रेशन
. बालों का झड़ना और पतले हो जाना
. पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
इन टिप्स से करें PCOS को कंट्रोल
. हेल्दी डाइट लें
. तली-भुनी मसालेदार चीजों और बाजारी चीजों को छोड़ दें
. फलों और सब्जियों को शामिल करना चाहिए
. ब्रोकली, फूलगोभी और पालक, बादाम, अखरोट, ओमेगा और फैटी एसिड में समृद्ध खाद्य पदार्थ खाएं
. तीन बार अधिक भोजन करने के बजाय पांच बार कम मात्रा में भोजन करें
. उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का उपभोग करें।
. रोजाना कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज करें।
. चीनी-नमक का कम खाएं।
. लिक्विड डाइट ज्यादा लें। पानी का अधिक सेवन करें।