स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचने के लिए विटामिन्स, मिनरल्स, कैल्शियम जैसे तत्व बहुत जरूरी होते हैं, उन्हीं में से एक है "विटामिन एफ"। विटामिन एफ के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते लेकिन बाकी की तरह विटामिन एफ भी शरीर में काफी महत्वपूर्व काम करता है। इसमें अल्फा लिनोलेनिक और लिनोलिक एसिड होता है, जो दिमाग व दिल के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। चलिए आपको बताते हैं कि शरीर के लिए विटामिन एफ क्यों जरूरी है, इसकी कमी होने पर क्या करें।
क्या है विटामिन एफ?
वैज्ञानिकों ने साल 1920 में फैट फ्री डाइट्स की तलाश में विटामिन एफ की खोज की थी। विटामिन एफ में लिनोलेनिक एसिड और लिनोलिक एसिड के अलावा और कुछ नहीं पाया गया। अल्फा लिनोलेनिक एसिड ओमेगा-3 फैट्टी एसिड का एक हिस्सा है जबकि लिनोलिक एसिड ओमेगा-6 फैट्टी एसिड का हिस्सा है।
क्या-क्या होते हैं विटामिन एफ के काम?
विटामिन एफ कैलोरी का मुख्य स्त्रोत है। लिनोलेनिक एसिड और लिनोलिक एसिड में प्रति ग्राम 9 कैलोरी होती है, जो शरीर के अंदर के सेल्स को सही आकार और लचीला बनाती है। साथ ही यह आंखों की रोशनी तेज और दिमाग को विकसित करने में भी मदद करती है। यही नहीं, यह हमारे शरीर की मांग के अनुसार फैट्स में बदल जाते हैं।
कितनी मात्रा जरूरी?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्द (यूएस) के मुताबिक, हर किसी की डाइट में लिनोलेनिक एसिड और लिनोलिक एसिड की मात्रा 4:1 में होनी चाहिए। आप चाहें तो इसकी मात्रा बढ़ा भी सकते हैं, इससे कोई नुकसान नहीं होगा।
विटामिन एफ जरूरी क्यों?
. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है।
. यह ब्लड क्लोटिंग में मदद करता है।
. विटामिन एफ जोड़ों व फेफड़ों की सूजन को कम करने में कारगर है।
. दिल की बीमारियोंका खतरा कम करने में मदद करता है।
. दिमागी तौर पर तनाव से ग्रस्त बीमारियां भी कम होती हैं।
विटामिन एफ की कमी के संकेत
. त्वचा में ड्राईनेस
. बालों का झड़ना
. बच्चे सही से विकसित नहीं हो पाते क्योंकि दिमाग को विकसित होने में भी काफी समय लग सकता है।
कैसे पूरी करें विटामिन एफ की कमी
विटामिन एफ की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में सोयाबिन ऑयल (7 प्रति ग्राम लिनोलिक एसिड), फैसीड ऑयल (7 ग्राम लिनोलेनिक एसिड), चिया सीड्स, ऑलिव ऑयल, कोर्न ऑयल, बादाम, मछली, अंडा और मीट शामिल करें।