हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद खास माना जाता है। इस महीने ना सिर्फ व्रत रखने वाले बल्कि बाकी लोग भी पूरा परहेज करते हैं। वहीं इस महीने में नॉनवेज के अलावा बैंगन, हरी सब्जियां खाने की भी मनाही होती है। चलिए आपको बताते हैं कि सावन महीने में हरी सब्जियां आदि खाने के लिए क्यों मना किया जाता है।
क्यों नहीं खानी चाहिए हरी सब्जियां?
दरअसल, बरसाती मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरिया व कीड़े देखे जाते हैं, जिसे खाने से पेट में दर्द, इंफैक्शन व अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। यही वजह है कि सावन में पालक, मेथी, बथुआ, गोभी, पत्ता गोभी आदि खाने के लिए मना किया जाता है।
बैंगन से भी रखें परहेज
हरी सब्जियों के साथ सावन में बैंगन भी नहीं खाने चाहिए क्यों उनमें भी कीड़े लग जाते हैं। इसे खाने से पेट में इंफैक्शन की समस्या हो सकती है।
डेयरी प्रॉडक्ट से रहें दूर
डेयरी प्रॉडक्ट जैसे दूध, पनीर, दही, आदि का सेवन करने से वात दोष बढ़ता है, जिससे सर्दी-जुकाम, गले में इंफेक्शन, जोड़ों, कान, कंधे की मांसपेशियों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द की परेशानी हो सकती है। इससे आपको कई हैल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है। साथ ही इससे डाइजेशन सिस्टम भी कमजोर हो सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इनसे भी दूर रहें।
तले-भुने से करें परहेज
बरसाती मौसम में ज्यादा तल-भुला, मसालेदार भोजन भी नहीं करना चाहिए। इससे पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा नींबू, अनार से भी परहेज करें।
क्या खाएं?
आयुर्वेद के मुताबिक, इस मौसम में ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए , जो आसानी से पच जाएं। सावन में आप दालें, तुरई, टमाटर, आलू, कद्दू, लौकी, नट्स, बीन्स, फल, मखाने, कट्टू या सिंघाड़े का आटा, साबूदान, केला, अनार, नाशपति और जामुन आदि लें सकते हैं। कोशिश करें कि सावन के दौरान सात्विक भोजन ही लें।