जहां एक तरफ देश ने नवरात्रि का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया, वहीं कुछ लोग ऐसे थे जिनके लिए नाचना गाना जानलेवा बन गया। कुछ परिवारों की खुशियां उस समय मातम में बदल गई जब उनके किसी अपने ने जान गंवा दी। गुजरात में नवरात्रि उत्सव के दौरान गरबा करते समय पिछले एक हफ्ते में कई लोगों की जान चली गई। नाचने- गाने के दौरान इतने लोगों की मौत हो जाना मन में कई सवाल खड़े कर रहा है।
24 घंटों में 10 लोगों की हुई मौत
राज्य में नवरात्रि उत्सव की शुरुआत 15 अक्टूबर को हुई थी, तब से लेकर अब तक कई लोगों के मरने की खबर सामने आई। हैरानी की बात है कि 24 घंटों में ही दिल का दौरा पड़ने से 10 लोगों की मौतें हो गई, इसके अलावा 500 से अधिक एम्बुलेंस कॉल की गई। इसे देखते हुए सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया था। इन हालातों को देखकर मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि गरबा और डांडिया का हार्ट अटैक से क्या संबंध है। तो चलिए आपको बताते हैं विस्तार से।
ये है हार्ट अटैक का कारण
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो गरबा के दौरान लोग जोरो शोरों से नाचते हैं, जिसके चलते शरीर में ऑक्सीजन जरूरत बढ़ जाती है। ऑक्सीजन की अधिक डिमांड के चलते लंग्स का काम भी बढ़ जाता है और जिसका प्रभाव हार्ट के फंक्शन पर पड़ता है। हार्ट तेजी से ब्लड को पंप करने लगता है, प्रेशर पड़ने के कारण हार्ट अटैक का खतरा रहता है। वहीं अगर किसी को पहले से ही हृदय रोग है तो डांस करते वक्त शारीरिक गतिविधि दिल पर दबाव डाल सकती है, जिससे उनकी जान भी जा सकती है।
डांस करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
-डांस करना हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर आप नियमित तौर पर डांस नहीं करते और अचानक तेज डांस करने से परेशानी बढ़ सकती है।
आप मोटापा या हाइपरटेंशन से जूझ रहे हैं तो अचानक हाई इंटेंसिटी वाला डांस करने से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है।
-इसके अलावा स्मोकिंग करने वाले लोगों को भी डांस के दौरान इस तरह का जोखिम ज्यादा होता है।
-एक्सपर्ट के मुताबिक डांस धीरे-धीरे शुरू करना चाहिए और फिर स्टैमिना बढ़ जाएगा।
-अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बीना डांस ना करें।
-ज्यादा देर तक डांस करना नुकसानदायक हो सकता है. सिर्फ डांस ही नहीं पावर योगा, एरोबिक्स से भी बचना चाहिए।
CPR से बच सकती है जान
जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है या फिर उसकी दिल की धड़कन रुक जाती है, तो इन स्थितियों में सीपीआर दिया जा सकता है। CPR का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) है। यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है, जिससे आप किसी की जान बचा सकते हैं।
CPR देने का सही तरीका
-अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आया है, या उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो सबसे पहले उसे पीठ के बल जमीन पर लिटा दें।
-इसके बाद उसके गर्दन और कंधों के पास अपने घुटने टेक लें।
-उसके सिर को पकड़कर थोड़ा पीछे की ओर करें। इससे उसकी सांस की नली खुल जाएगी।
-अब उसकी पल्स चेक करें। अगर पल्स लगातार गिर रही है, तो आप उसे सही तरीके से सीपीआर दे सकते हैं।
-सीपीआर अपने एक हाथ को दूसरे हाथ पर रखें। अब हाथों को व्यक्ति की छाती के बीच (निप्पल के पास) में रखें।
-इसके बाद अपने हाथों से व्यक्ति की छाती के बीच में जोर से नीचे की ओर धकेलें।
-इसके लिए आपको प्रति मिनट 100 से 120 बार व्यक्ति की छाती को धक्का देना जारी रखना होता है। इसे ही कंप्रेशन कहा जाता है।
-जिन लोगों ने सीपीआर देने की ट्रेनिंग ले रखी है, वे हर 30 कंप्रेशन के बाद मुंह से सांस दे सकते हैं।