फूड पॉइजनिंग एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर वायरस, पैरासाइट्स या बैक्टीरिया से दूषित खाने की चीजों के कारण होती है। कई बार तो हानिकारक रसायन फ़ूड भी पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं। कई बार इसके लक्षण जल्दी ही ठीक हो जाते हैं तो कई बार लंबे समय के लिए ये परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को पेट में दर्द और ऐंठन, दस्त या उल्टी जैसी दिक्कतों को झेलना पड़ सकता है।
देखा गया है की फूड पॉइजन की समस्या ज्यादातर गर्मियों के मौसम में बढ़ती है। दरअसल, गर्मियों के मौसम में बाहर का खाना शरीर के अंदर और अधिक गर्मी बढ़ा देता है जिसके कारण फूड पॉइजन की समस्या बढ़ जाती है। इसका सही समय पर इलाज होना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इस परेशानी के बढ़ने पर आपको बेहद तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। सही समय पर इलाज तब संभव होगा जब आपको इससे होने वाले लक्षणों की जानकारी होगी। हम आपको आज इन्हीं लक्षणों और बचने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो समय रहते आपको इस वायरस से बचाने का काम करेंगे।
लक्षण और कारण
बेचैनी
पेट में दर्द होना और ऐसा महसूस होना कि आपको उल्टी हो सकती है।
उल्टी
आपने जे खाया है उसको बाहर निकलाने के लिए आपको उल्टी करने का मन हो सकता है।
दस्त
बार-बार, पानी जैसा मल त्याग होता है। इसमें आपको बार बार मल त्यागने की जरूरत हो सकती है।
पेट में दर्द और ऐंठन
आपके पेट में तेज या हल्का दर्द हो सकता है।
बुखार
शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जो अक्सर बैक्टीरिया के कारण होने वाले फूड पॉइजनिंग के साथ होता है।
कमजोरी और थकान
थका हुआ और सुस्त महसूस कर सकते है, जिसकी वजह से आपको कई काम करने में परेशानी हो सकती है।
भूख न लगना
भूख न लगना या खाने की इच्छा कम होना।
कैसे ठीक करें-
हाइड्रेटेड रहें
उल्टी और दस्त से तरल पदार्थ की कमी के कारण डिहाइड्रेशन फ़ूड पॉइज़निंग की एक आम जटिलता है। बहुत सारा पानी, इलेक्ट्रोलाइट घोल या स्पोर्ट्स ड्रिंक पीकर खोए हुए तरल पदार्थों की पूरा करने की कोशिश करें।
आराम करें
भरपूर आराम करके अपने शरीर को आराम करने और ठीक होने दें। झपकी लेना और पर्याप्त नींद लेना आपके शरीर को संक्रमण से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद कर सकता है।
प्रोबायोटिक्स का सेवन करें
दही, केफिर, सौकरकूट या किमची जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स लेने से फ़ूड पॉइज़निंग के लक्षणों को कम करने और ठीक होने की प्रक्रिया में सहायता मिल सकती है।