बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऐसी कई अभिनेत्रियां है जिन्होंने लोगों के दिलों दिमाग पर अपनी एक्टिंग और खूबसूरती की छाप छोड़ी। ऐसी ही एक एक्ट्रेस थी नंदा। 'भईया मेरे राखी के बंधन को निभाना' और 'एक प्यार का नगमा है', उनके सदाबहार गानों में से एक हैं जो आज भी लोगों की जुबां पर हैं। उन्होंने 'छोटी बहन', 'धूल का फूल', 'भाभी', 'काला बाजार', 'जब जब फूल खिले', 'गुमनाम' और 'द ट्रेन' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। आइए एक नजर डालते हैं फिल्म एक्ट्रेस नंदा की जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों पर....
8 साल की उम्र से करना शुरु कर दिया था काम
एक सफल मराठी एक्टर- डायरेक्टर विनायक दामोदर कर्नाटकी के महाराष्ट्रीयन परिवार में जन्मी नंदा ने 8 साल की उम्र में फिल्मों में इसलिए काम करना शुरू कर दिया था क्योंकि बहुत कम उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ गया था।परिवार की देखरेख का जिम्मा अब उनके कंधों पर था। अपने समय के टॉप एक्टर होने के बाद भी वो कभी न्यू-कमर्स के साथ काम करने से पीछे नहीं हटीं। उन्होंने हमेशा हर किसी का हौसला ही बढ़ाया। एक्ट्रेस ने शशि कपूर के साथ उस वक्त लगातार 8 फिल्में साइन की, जब उन्हें कोई नहीं जानता था। शशि एक हिट फिल्म को तरस रहे थे, उनकी सोलो लीड एक्टर के तौर पर लगातार 5 फिल्में फ्लॉप हो चुकी थीं। लेकिन फिर नंदा के साथ 1965 में 'जब जब फूल खिले' फिल्म आई। फिल्म हिट हुई और शशि कपूर रातों रात सुपरस्टार बन गए। नंदा उन एक्ट्रेसेज में से थीं, जो अपनी फिल्म में डायरेक्टर्स को हीरो के नाम सजेस्ट करती थीं। कहा जाता है कि, 'द ट्रेन' फिल्म के लिए राजेश खन्ना का नाम भी उन्होंने ही सुझाया था।
किसी को नहीं आने देती थी करीब नंदा
अपने समय के सारे टॉप एक्टर्स के साथ काम करने वाली नंदा के चाहने वाले तो बहुत थे लेकिन उन्होंने जिंदगी भर शादी नहीं की। कहा जाता है कि वो किसी को अपने करीब आने ही नहीं देती थी। 1965 में हिट फिल्म 'जब- जब फूल खिले' की शूटिंग के दौरान, फिल्म डायरेक्टर सूरज प्रकाश ने एक घटना का जिक्र किया था। उन्होंने बताया एक बहुत ही हैंडसम महाराष्ट्रीयन लेफ्टिनेंट कर्नल नंदा की सुंदरता से प्रभावित थे और उन्होंने उनकी मां को शादी का प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन एक्ट्रेस ने साफ तौर पर इस रिश्ता के लिए इंकार कर दिया ।यह भी कहा जाता है कि एक्ट्रेस के भाई भी उसके लिए शादी के कई प्रस्ताव लेकर आए लेकिन नंदा ने उन्हें भी ठुकरा दिया। 52 साल की उम्र में जाकर नंदा के दिल के तार डायरेक्टर मनमोहन देसाई से जुड़े और उन्होंने सगाई कर ली। इस रिश्ते के लिए दोस्त वहीदा रहमान ने ही उन्हें राजी किया था। दरअसल, वहीदा और नंदा की दोस्ती फिल्म 'काला बाजार' के सेट पर हुई थी।
सगाई के बाद हुई होने वाले पति की मौत
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सगाई के दो साल बाद ही मनमोहन की घर की छत से गिरकर मौत हो गई। नंदा इस दुख से उबर भी ना पाई थी कि कुछ समय बाद ही नंदा की मां की कैंसर से मौत हो गई। इसके बाद नंदा ताउम्र कुंवारी ही रहीं। फिर कभी उन्होंने शादी के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने अपने आपको घर में ही कैद कर लिया। कभी अगर पब्लिकली दिखीं भी तो सफेद लिबास में ही नजर आईं। 25 मार्च 2014 को 75 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा दिया। उनकी मौत की वजह हार्ट अटैक थी।