कॉलरा यानि हैजा एक ऐसी संक्रमित बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में पानी (Dehydration) व पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। अगर समय रहते इसका इलाज ना करवाया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। चलिए आपको बताते हैं कि यह बीमारी कैसे फैलती और इससे बचाव कैसे किया जाए।
हैजा के कारण
बैक्टीरिया से होने वाली यह बीमारी ज्यादातर दूषित पानी व खाने की वस्तुओं से होती हैं। भारत में इस वक्त 30 फीसदी लोगों को हैजा का खतरा है क्योंकि यहां कई ऐसी जगहें हैं, जहां का पानी दूषित हैं। घर में लगे नल के जिस पानी को आप साफ समझकर पीते हैं वो भी कई बार दूषित होता है, जो ना सिर्फ हैजा बल्कि कई बीमारियों का कारण बन सकता है।
वहीं भारत की सड़कों के किनारे मिलने वाले स्ट्रीट फूड, जिसे आप बड़े चाव से खाते हैं वो भी इस बीमारी को न्यौता देता है। सड़क किनारे मिलने वाले फूड खुले में पड़े रहते हैं वहीं रेड्डूी वाले बर्तन भी एक ही या गंदे पानी से साफ करते हैं, जिससे कीटाणु नहीं जाते। ऐसे में इस तरह का खाना खाकर आप बड़ी आसानी से बीमार पड़ सकते हैं।
इसके अलावा इन कारणों से भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं...
-यह मल-मूत्र और गंदगी से फैलता है।
-सी-फूड और मछलियों से भी हैजा फैल सकता है।
-अगर सब्जियां और सलाद ठीक से नहीं धोए गए या फिर गंदे पानी से धोए जाते हैं तो इससे भी कॉलरा होने का खतरा है।
-जिन इलाकों में स्वच्छता की कमी हो वहां हैजा फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
हैजा यानि कॉलरा के लक्षण
इसके लक्षण व्यक्ति की स्टेज पर निर्भर करते हैं। शुरुआत में तो हल्का बुखार, उल्टी व दस्त लग सकते हैं। कुछ लोगों में संक्रमण होने के कुछ ही घंटों बाद इसके लक्षण देखने को मिलते हैं जबकि कुछ लोगों में ये 2-3 दिन बाद भी हो सकता है।
वहीं स्टेज-2 पर दिखते हैं ये लक्षण...
-धड़कन तेज होना
-मुंह, गला और आंखों का सूखना
-ब्लड प्रेशर कम होना
-प्यास बढ़ना
-मांस-पेशियों में दर्द होना
-घबराहट होना
-नींद और थकान जैसे संकेत भी दिखाई दे सकते हैं।
बीमारी ज्यादा गंभीर होने पर यानि स्टेज-3 पर ये लक्षण भी सामने आ सकते हैं।
-तेज बुखार
-पेशाब न लगना
-वजन कम होना
-शरीर कांपना
हैजा एक जानलेवा बीमारी है इसलिए इससे बचने के लिए इसके प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। इस बीमारी से बचने के लिए आपको खान-पान और पीने के पानी की स्वच्छता की ओर ध्यान देना चाहिए...
-हो सके तो घर में वॉटर प्यूरीफायर लगवा लें। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जब भी पानी पीएं उसे अच्छी तरह उबाल लें।
-पानी को स्टोर करने से पहले इस बात का ख्याल रखें कि वो साफ हो और अच्छी तरह धोया हो।
-कभी भी बासी या बाहरी फूड ना खाएं। साथ ही फल व सब्जियां भी ताजी खाएं।
-सब्जियां पकाने से पहले अच्छी तरह से साफ कर लें। बिना छिलके वाले फलों से बचें।
-उल्टी-दस्त होने पर इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
-अगर यात्रा के दौरान आपको इसके लक्षण दिखते हैं तो तुरंत मेडिकल सहायता लें।
हैजा में क्या खाना चाहिए?
-शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक पानी, सोडा, नारियल पानी, जौ का पानी और छाछ पीएं।
-शरीर के तापमान को कम करने व उल्टी को रोकने के लिए बर्फ को चूसे।
-थोड़ी रिकवरी के बाद दही, चावल, खिचड़ी, दलिया, हरी सब्जियां जैसी हल्की-फुल्की चीजें दें।
-खट्टे फलों जैसे नींबू, संतरा का सेवन करें। ये बैक्टीरिया को जल्दी खत्म करने रिकवरी में मदद करता है।
अगर आप हैजा से ग्रस्त हैं तो इन चीजों से करें परहेज
सी-फूड (खासकर मछली और शेलफिश), मांस, कच्ची सब्जियां, बाहर बनी हुई बर्फ, जंक फूड, बिना उबाला हुआ दूध। साथ ही अस्वच्छ स्थानों से दूर रहें क्योंकि हैजा ज्यादातर गंदगी के कारण ही फैलता है।