तुर्की की रुमेयसा गेलगी (Rumeysa Gelgi) दुनिया की सबसे लंबी जीवित महिला बन गई हैं। 24 वर्षीय रुमेयसा की लंबाई 7.01 फीट है, लेकिन इसकी वजह नेचुरल या कोई उपाय नहीं बल्कि एक बीमारी है। दरअसल, वह वीवर सिंड्रोम (Weaver Syndrome) नाम की एक बीमारी से जूझ रही हैं, जिसके कारण उनकी लंबाी तो बढ़ी लेकिन हड्डियां मजबूत ना हो पाईं।
फिलहाल रुमेयसा व्हीलचेयर पर रहती हैं और वॉकर के जरिए कुछ दूरी तक चल पाती हैं। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, उन्होंने दुनिया की सबसे लंबी टीनएजर का रिकॉर्ड बनाया था और जब दोबारा उनकी लंबाई नापी गई तो रुमेयसा ने एक और रिकॉर्ड कायम कर दिया।
क्या है वीवर सिंड्रोम, जिससे महिला जूझ रही रुमेयसा?
वीवर या ओवरग्रोथ सिंड्रोम एक ऐसा दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से शरीर बचपन में ही तेजी से बढ़ने लगता है। इस बीमारी का पता पहली बार 2011 में चला था, जिसका करण EZH2 जीन में म्यूटेशन होना है। हालांकि यह सिंड्रोम बिना किसी पारिवारिक इतिहास के भी हो सकता है लेकिन 80% मामलों में यह जेनेटिक ही होता है।
बढ़ जाता है कैंसर का खतरा
इसके कारण हड्डियां मजबूत हो नहीं पाती और मरीज को चलने-फिरने में भी दिक्कत आती है। वहीं, शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके कारण मरीजों में कैंसर की आशंका भी काफी बढ़ जाती है।
वीवर सिंड्रोम के लक्षण
वीवर सिंड्रोम के साथ पैदा हुए बच्चों में अतिवृद्धि के अलावा, कई अतिरिक्त लक्षणों का सामना करने की संभावना रहती है जैसे...
. बचपन से ही लंबाई तेजी से बढ़ना
. गोल चेहरा, जबड़े की असामान्य स्थिति
. कमजोर हड्डियां
. ऊपरी ओर से पीठ का मुड़ना
. हृदय दोष
. सपाट पैर
. कमजोर मांसपेशियां
. बहुत ढीले या लचीले जोड़
स्विमिंग करती है बॉडी को रिलैक्स
रुमेयसा कहती हैं वह अपने परिवार के साथ बाहर का खाना एंजॉय करती हैं और बॉडी को रिलैक्स करने के लिए स्विमिंग करती हैं।