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क्या है माल्टा फीवर? लक्षणों को इग्नोर ना करें, इसके कारण और बचाव भी जानिए

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 15 Aug, 2024 05:16 PM
क्या है माल्टा फीवर? लक्षणों को इग्नोर ना करें, इसके कारण और बचाव भी जानिए

नारी डेस्कः बदलते मौसम के चलते कई तरह की वायरल इंफेक्शन्स और फ्लू का खतरा बढ़  जाता है। मानसून में वायरल फीवर, कोल्ड कफ जैसी समस्याएं आम सुनने को मिलती है और जिन लोगों की इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर होती है उन्हें इन वायरल फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है। जीका वायरस, चिकनगुनिया के बाद अब देश में माल्टा फीवर से जुड़े मामले सुनने को मिल रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात में चांदीपुर वायरस के बाद माल्टा फीवर का खतरा बढ़ सकता है ऐसे में इसके लक्षणों के बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है।

माल्टा फीवर (ब्रूसिलोसिस) क्या है?

माल्टा बुखार, जिसे ब्रूसिलोसिस या अंडुलेंट फीवर भी कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी ब्रूसेला बैक्टीरिया के कारण होती है और आमतौर पर दूषित दूध, पनीर या अन्य डेयरी उत्पादों के सेवन से या संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। यह बीमारी गंभीर हो सकती है और लंबे समय तक बनी रह सकती है इसलिए समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। PunjabKesari

माल्टा बुखार होने के कारण

संक्रमित जानवरों के दूध से बने उत्पादों, जैसे दूध और पनीर का सेवन करने से।
संक्रमित जानवरों के मांस को काटने, उनके खाल को छूने या उनके मल के संपर्क में आने से।
ब्रूसेला बैक्टीरिया पर काम करने वाले कर्मचारी भी संक्रमित हो सकते हैं।
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माल्टा बुखार के लक्षण

बुखार का तेज और कम होना।
बुखार के साथ ठंड लगना।
विशेष रूप से रात में अत्यधिक पसीना आना।
 लगातार थकान का महसूस होना।
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द।
लगातार सिरदर्द रहना।
भूख न लगना
अचानक वजन का कम होना।
डिप्रेशन महसूस होना।

माल्टा बुखार से बचाव

हमेशा पाश्चराइज्ड दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन करें। पाश्चराइज्ड दूध वह दूध होता है जिसे उच्च तापमान पर गर्म किया जाता है और फिर तुरंत ठंडा किया जाता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणुओं को मारना होता है, ताकि दूध सुरक्षित और लंबे समय तक ताज़ा रहे। इसे उबालने जैसा समझ सकते हैं, लेकिन यह एक विशेष तापमान और समय पर किया जाता है।
अगर नॉनवेज खाना है तो अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
जानवरों को छूने के बाद, हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
खाने पीने की चीजों को साफ सुथरी जगह पर रखें और खुद की सफाई भी रखें।
ऊपर दिए लक्षणों में कोई लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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