22 DECSUNDAY2024 7:54:29 PM
Nari

Long Covid: कोरोना के बाद नया खतरा, रिकवरी के बाद भी 64% मरीजों को सांस लेने में परेशानी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Oct, 2020 10:43 AM
Long Covid: कोरोना के बाद नया खतरा, रिकवरी के बाद भी 64% मरीजों को सांस लेने में परेशानी

कोरोना वायरस अभी तक लोगों के लिए आफत बना हुआ है। वहीं, कोरोना से रिकवर करने वाले लोगों को तो ठीक होने के बाद भी कई दिक्कतें हो रही है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी बहुत से लोगों में थकावट, डिप्रेशन, मांसपेशियों में दर्द और एंग्जाइटी की समस्या देखने को मिल रही है। कुछ मरीजों के तो दिल और फेफड़े ही ठीक तरह से काम नहीं कर रहे। ऐसी स्थिति को लॉन्ग कोविड कहा जा रहा है।

क्या होता है लॉन्ग कोविड?

दरअसल, कोरोना से ठीक होने के बाद भी कुछ मरीजों में इसके लक्षण रह जाते हैं, जो लंबे समय तक परेशान करते हैं। इसके अलावा उन्हें कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना भी करना पड़ता है, जिसे मेडिकल भाषा में लॉन्ग कोविड कहा जाता है। हालांकि हर व्यक्ति में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।

PunjabKesari

लॉन्ग कोविड के लक्षण

लॉन्ग कोविड से परेशान लोगों में थकान, सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, देखने-सुनने की समस्याएं, खूशबू व स्वाद ना आना, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी परेशानियां हो रही हैं। वहीं, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, 64% मरीजों को सांस लेने में परेशानी, 26% हार्ट प्रॉब्लम्स, 29% किडनी और 10% को लिवर की समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसा अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों के अलावा घरों में आइसोलेट होकर डॉक्टरी सलाह लेने वाले लोगों के साथ भी हो सकता है।

लॉन्ग कोविड का कारण

ब्रिटेन में 'द कोविड सिम्टम्प ट्रैकर एप' का इस्तेमाल कर रमरीजों पर निगरानी रखी गई। एप्लिकेशन आंकड़ों के मुताबिक, करीब 2% लोगों में 3 महीने बाद भी कोरोना के लक्षण दिखे। हालांकि अभी यह स्वष्ट नहीं हुआ है कि यह वायरस कैसे लॉन्ग कोविड बन रहा है।

PunjabKesari

शरीर के पॉकेट्स में रहकर पहुंचा रहा नुकसान

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ठीक होने के बाद भी वायरस शरीर के पॉकेट्स में रहकर कोशिकाओं को संक्रमित कर रहा है, जिसकी वजह से मरीजों को रिकवरी के बाद भी समस्याएं आ रही हैं। वहीं, ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना से ठीक होने के बाद इम्यून सिस्टम एकदम से ठीक नहीं हो पाता, जिसकी वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। किग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर का कहना है कि जिन लोगों को लंबे समय तक दस्त हो उनकी आंत में वायरस मौजूद हो सकता है। जिनकी सूंघने की क्षमता कम हुई हो उनके नसों में वायरस मौजूद हो सकता है। 

ऑर्गन फेलियर और सूजन के बीच संबंध

मरीजों में जो एब्नॉर्मेलिटी दिखी रही है, उसका संबंध अंगों की सूजन से भी है। कोरोना से रिकवरी के बाद सूजन के कारण ही शरीर के अंग डैमेज और ऑर्गेन फेल हो रहे हैं।

PunjabKesari

ऐसे में जरूरी है कि मरीज ठीक होने के बाद भी किसी तरह की लापरवाही ना बरतें। मास्क पहनना, हाथों की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य जरूरी प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखें।

Related News