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सनस्क्रीन लगाने से पहले हो जाएं Alert, चेहरे पर हो सकती है कई तरह की Skin Problems!

  • Edited By palak,
  • Updated: 27 May, 2023 11:33 AM
सनस्क्रीन लगाने से पहले हो जाएं Alert, चेहरे पर हो सकती है कई तरह की Skin Problems!

गर्मियों में त्वचा को धूप की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए महिलाएं सनस्क्रीन इस्तेमाल करती हैं। यह त्वचा को यूवी किरणों के खतरनाक प्रभाव और कैंसर जैसी बीमारियों से स्किन को बचाने के लिए सभी सनस्क्रीन इस्तेमाल करती हैं। सनस्क्रीन त्वचा को सनबर्न और रिंकल से बचाती है पंरतु क्या आप जानते हैं यह त्वचा के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है। 2019 में फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने सनस्क्रीन में पाए जाने वाले 12 इंग्रीडिएंट्स के प्रति चिंता जताई थी। रिसर्चस ने सनस्क्रीन में पाए जाने वाले ऑक्सीबेंजान नाम के तत्व के बारे में सभी को अलर्ट किया था।  वहीं इसके कारण टीनएजर्स लड़कों में पाए जाने वाले टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी कम हो सकता है। शोधकर्ताओं की मानें तो ऑक्सीबेनजॉन हार्मोन्स को असंतुलित करके कैंसर और गर्भवस्था के दौरान कई सारी परेशानियां खड़ी कर सकता है। इसके अलावा ऑक्सीबेनजॉन एम्नीयोटिक फ्लूयड और ब्रेस्ट मिल्क में भी पाया जाता है। 

ऑक्सीबेंजोन खड़ी कर सकता है कई परेशानियां 

वहीं एक्सपर्ट्स ने चार साल के बाद ऑक्सीबेंजोन को एक इंग्रीडिएंट के रुप में काफी हद तक खत्म कर दिया है। हालांकि  इसे मिश्रण में शामिल किए बिना आप 50 से ऊपर एसपीएफ इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। परंतु अभी भी लोकप्रिय ब्रांडों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। वाशिंगटन डीसी में एक शोद के अनुसार, बाजार में ऑक्सीबेंजोन के साथ रासायनिक सनस्क्रीन का प्रतिशत 2019 में 60% से गिरकर इस साल 13% हो गया है। 

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कैमिकल सनस्क्रीन पर लगाई रोक 

आधिकारिक कार्रवाई की तुलना में सनस्क्रीन की गिरावट को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। वहीं एफडीए ने ऑक्सीबेंजोन को सनस्क्रीन से हटाने का आदेश नहीं दिया है और जनता को इस बात  का आश्वासन दिया है कि यह बिल्कुल सुरक्षित है। लेकिन ऑक्सीबेंजान में कोरल रीफ के कारण नुकसान होने के बाद 2021 में शुरु होने वाली सामग्री के साथ सनस्क्रीन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। माउ सहित दो काउंटियों ने किसी भी रासायनिक सनस्क्रीन को बिक्री पर रोक लगा दी है। वहीं इस बात को देखते हुए एफडीए ने चिंता जताई है और एजेंसी से कहा कि बिना डेटा के वह सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करने दें परंतु पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स काउंसिल ने इसके बाद कंपनी को थोड़ी प्रतिक्षा करने के लिए कहा है। परिषद ने कहा कि इस साल तक एफडीए को ज्यादा जानकारी प्राप्त हो जाएगी। 

एफडीए का कहना है कि सनस्क्रीन सामग्री का विषय एजेंसी के लिए उच्च प्राथमिकता बनी हुई है और हम सावर्जनिक स्वास्थ्य के लिए सबसे पहले अपने भागीदारों के साथ शीघ्रता से काम करना जारी रखना पड़ेगा। 

कंपनी ने लगाई प्रोडक्ट्स बनाने पर रोक 

ऑक्सीबेंजोन और अन्य सामग्री जैसे होमोसैलेट और एवोबेंजोन को अत:स्रतावी अवरोधक के रुप में जाना जाता है। वहीं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरमेंटल हैल्थ साइंसेज ने कैंसर और प्रजनन संंबंधी मुद्दों के अलावा एंडोक्राइन डिसरप्टर्स को अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर से जोड़ा है। अमेरिका के सनस्क्रीन निर्माता 15% तक होमेसैलेट का इस्तेमाल करते हैं वहीं यूरपीय देशों में यह केवल 0.5% इस्तेमाल किया जाता है। 

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2020 के शोध में सामने आए नतीजे 

एफडीए ने लोगों को सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने पर रोक नहीं लगाई वहीं कंपनी को सनक्रीन के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजों के बारे में एक बार पूरी रिसर्च करने को कहा है। साल 2020 में एफडीए ने अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में एक शोध प्रकाशित किया जिसमें यह पाया गया कि सनस्क्रीन का तत्व सिर्फ एक इस्तेमाल के बाद रक्तप्रवाह में प्रवेश कर गया और यह सिर्फ 21 दिनों तक मानव शरीर में रह सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि ऑक्सीबेंजोन और होमोसैलेट सबसे ज्यादा समय तक चले। 

एफडीए ने सनस्क्रीन में पाई जाने वाली जिन 12 सामग्रियों को हाइलाइट किया था वह मुख्य तौर पर सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा को बचाती हैं जो सनबर्न का कारण बन सकती हैं। वहीं यूरोप में यूवीए किरणों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए फॉर्मूलेशन भी बेहतर हैं जो त्वचा में प्रवेश करते हैं और कैंसर का करण बन सकते हैं। वहीं इसके अलावा एफडीए नए एवोबैंजोन की एक अच्छी सामग्री माना जिसका इस्तेमाल सनस्क्रीन में किया जा सकता है। 

मिनरल सनस्क्रीन इस्तेमाल करने की दी सलाह 

यूनिरवर्सिटी ऑफ उटाह हंट्समैन कैंसर इंस्टीट्यूट के मेलेनोमा सेंटर ने सभी को मिनरल सनस्क्रीन इस्तेमाल करने की सलाह दी उनका मानना है कि रासायनिक सनसक्रीन की जगह इसका इस्तेमाल करके आप त्वचा के सारे मुद्दों से बचा जा सकता हैं. यह सिर्फ सनस्क्रीन त्वचा पर प्रभाव डालते हैं यूवी को त्वचा के अवरुद्ध करते हैं। एसपीएफ 30 यूवीबी किरणों को 97% तक ब्लॉक करता है वहीं एसपीएफ 50 98% तक यूवी किरणों से बचाता है। वहीं एफडीए ने सनक्रीन बनाने वालों से 60 से ज्यादा सारे एसपीएफ वाले लेबल उत्पादों को बेचने से प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव रख दिया है। 

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