23 जुलाई से शुरू हुए टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया हैं वहीं ओलंपिक में पहुंची भारत की बेटियों ने भी अपना दम दिखाना शुरू कर दिया हैं। भारत को सबसे पहले खुशखबरी मणीपुर की रहने वाली भारतीय महिला वेट लिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीत कर दी।
लेकिन वहीं इसी बीच भारतीय महिला शूटर मनु भाकर टोक्यो ओलंपिक में अच्छी शुरुआत नहीं कर सकी। 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के क्वालिफिकेशन से ही वे बाहर हो गई है। बतां दें कि मनु भाकर अपनी पिस्टल की धोखेबाजी से आगे नहीं बढ़ पाई। दरअसल, मनु ने पिस्टल में खराबी के कारण 75 मिनट में से 17 मिनट गंवा दिए थे, लेकिन उन्होंने इसके बाद भी मैदान नहीं छोड़ा, अपने सभी 60 शॉट पूरे किए। वे क्वालिफिकेशन में 575 के स्कोर के साथ 12वें स्थान पर रहीं। आपकों बतां दें कि भारत को शूटिंग में अब तक एक भी मेडल नहीं मिला है, 4 इवेंट पूरे हो चुके हैं।
मुकाबले के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का कॉकिंग लीवर टूटा
मुकाबले के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का कॉकिंग लीवर टूट गया था। जिस वजह से वह अपनी गन को लोड नहीं कर सकी। एक रिपाॅर्ट के अनुसार, कॉकिंग लीवर को खोलकर ही बैरल में गोली रखी जाती है, इसके बाद ही शूटर शॉट लगा सकता है। लीवर बंद नहीं होने पर शॉट नहीं लगाया जा सकता, और मनु भाकर के साथ भी ऐसा ही हुआ, लीवर टूट गया था और वे शॉट नहीं लगा सकती थीं।
कॉकिंग लीवर का टूटना एक दुर्लभ घटना
वहीं इस पर टीम के साथ टोक्याे गए नेशनल पिस्टल टीम के कोच और कॉमनवेल्थ गेम्स के पूर्व गोल्ड मेडलिस्ट रौनक पंडित ने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी एक दुर्लभ घटना थी, क्योंकि गन का कॉकिंग लीवर मेटल का बना होता है और इसके टूटने के कम चांसेस होते हैं। हालांकि हमारे पास एक अतिरिक्त पिस्टल थी जिस वजह से हम इसमें बदलाव कर सके।
17 मिनट के ब्रेक के कारण मोडल से दूर हुईं मनू भाकर
वहीं खेलों के नियम के अनुसार, एक खिलाड़ी को सही कारण होने के बाद भी राउंड पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया जाता है। एक शूटर को 6 सीरीज के 60 शॉट मारने के लिए 75 मिनट मिलते हैं, लेकिन मनु भाकर को पिस्टल में खराबी के कारण अंतिम 38 मिनट में 44 शॉट मारने थे। 17 मिनट के ब्रेक के कारण उनके हाथ से समय फिललता गया और वह मेडल से दूर हो गई।
एक बार लय बिगड़ने के बाद खिलाड़ी का वापसी करना आसान नहीं होता
मनु भाकर ने अंतिम सीरीज के अंतिम शॉट में 8 अंक बनाए, अगर वे 10 अंक का स्कोर करती तो दो अन्य खिलाड़ियों के साथ उनका स्कोर बराबर हो जाता। ऐसे में तीन खिलाड़ियों के बीच शूट ऑफ होता और दो खिलाड़ी को फाइनल्स में मौका मिलता। पूर्व ओलंपिक मेडलिस्ट गगन नारंग ने भी माना एक बार लय बिगड़ने के बाद वापसी करना आसान नहीं होता, क्योंकि आपके ऊपर उस समय टाई का बहुत प्रैशर होता है।