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भारतीय मूल Sirisha Bandla ने रचा इतिहास, पूरी की अंतरिक्ष की सैर

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 13 Jul, 2021 10:47 AM
भारतीय मूल Sirisha Bandla ने रचा इतिहास, पूरी की अंतरिक्ष की सैर

कल्पना चावला भारत की पहली ऐसी महिला एस्ट्रोनॉट थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष में कदम रखा। मगर, अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है। कल्पना चावला के बाद सिरीशा बांदला अंतरिक्ष में कदम रखने वाली तीसरी इंडियन-अमेरिकन महिला बन गई हैं। उन्होंने वर्जिन गैलेक्टिक के रॉकेट प्लेन में अरबपति ब्रितानी व्यवसायी रिचर्ड ब्रैनसन के साथ ना सिर्फ अंतरिक्ष गई बल्कि रविवार को यात्रा पूरी कर लौटकर आए लोगों में वो भी शामिल थीं।

अंतरिक्ष में जाने वाली तीसरी भारतीय महिला

सीरिशा ने अमेरिका, न्यू मैक्सिको में रविवार को यूनिटी-22 से उड़ान भरी थी, जो 1 घंटे के अंदर ही धरती पर वापिस लौट आया। इस यात्रा के बाद उन्होंने अमेजान के जेफ बेजॉस व स्पेस एक्स के एलन मस्क को भी पीछे छोड़ दिया। बता दें कि अंतरिक्ष पर जाने वाली सीरिशा चौथी और दूसरी महिला एस्ट्रोनॉट है। इससे पहले भारत की कल्पना चावला और भारतीय मूल अमेरिका की सुनता विलियम्स भी अंतरिक्ष का सफर कर चुकी हैं। उनकी इस उपलब्धि पर सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि देश को भी बेहद गर्व है।

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कौन है सिरीशा बांदला?

आंध्र प्रदेश, गुंटूर में जन्मी सिरीशा बंदला की परवरिश ह्यूस्टन में हुई है। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास में पूरी की। 4 साल की उम्र में ही सिरीशा भारत चली गई थी। सिरीशा बचपन से ही NASA के लिए एक एस्ट्रोनॉट बनना चाहती थीं लेकिन उनकी कमजोर आई-साईट पायलट या एस्ट्रोनॉट बनने की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती थी। मगर, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज वह अपने मुकाम पर हैं।

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अमेरिका से पूरी की पढ़ाई

साल 2011 में उन्होंने पुर्डे यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एरोनॉटिक्स से विज्ञान में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री ली। वह अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा से बहुत प्रभावित हैं, जो भारत की ओर से सबसे पहले अंतरिक्ष में गए थे।

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एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप भी किया काम

साल 2015 में उन्होंने वर्जिन गेलेक्टिक में ज्वॉइन किया और कुछ समय बाद वह वह कंपनी की सरकारी मामलों के उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले बंदला ने टेक्सास में बतौर एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में भी काम किया। इसके बाद उन्हें अंतरिक्ष नीति में कमर्शियल स्पेसफ्लाइट फेडरेशन (CSF) में नौकरी मिली।

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देशभर से मिल रही बधाई

सिरीशा की इस कामयाबी उनके दादा जी खुशी से झूम उठे थे। उनके दादा जी ने बताया कि सिरीशा बचपन से ही आसमान को देखकर मुग्ध हो जाती थी और सोचती थी कि वहां कैसे जाया जाए, वहां क्या होगा? वहीं, एक इंटरव्यू में बंदला ने कहा, "मैं अपने साथ भारत को थोड़ा ऊपर ले जा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं कई बार अंतरिक्ष में जाऊंगी और कई अन्य लोग भी वहां जाएंगे।"

बता दें कि बांदला अंतरिक्ष में जाने वाले रॉकेट के 5 सदस्य वाली क्रू में शामिल थी। जैसे ही रॉकेट वापिस आया, सोशल मीडिया पर हर किसी ने उन्हें बधाई देना शुरू कर दिया।

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