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Diwali Health Tips: पटाखों के प्रदूषण से यूं रखें अपना और परिवार की सेहत का ख्याल

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 20 Oct, 2022 04:16 PM
Diwali Health Tips: पटाखों के प्रदूषण से यूं रखें अपना और परिवार की सेहत का ख्याल

दिवाली रोशनी और खुशियों का त्यौहार है। इस मौके पर बच्चों ने पटाखे फोड़ने का काम भी बहुत जोरों से शुरु किया हुआ है। चाहे पटाखों पर देश में कई जगह प्रदुषण के चलते बैन हो रखा है, लेकिन बच्चे तो कहां ही मानते हैं। पटाखों का प्रदूषण  सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है और अस्थमा  के रोगी को तो घर के अंदर ही रहना चाहिए। आईए जानते है कुछ ऐसे टिप्स जिससे पटाखों के प्रदूषण में भी आप अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं।

 

एयर प्यूरीफायर मास्क का करें इस्तेमाल

कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर को पार कर गया है। इसमें आप वैसे ही बचाव कर सकते हैं जिस तरह कोविड से बचाव किया था,मास्क लगाकर। अगले कुछ दिनों तक जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाकर ही निकलें। प्रदूषण से बचाव के लिए एयर प्यूरीफायर मास्क का भी उपयोग कर सकते हैं। यह साधारण मास्क की तुलना में ज्यादा प्रभावी होता है।

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घर के वातावरण को रखें हरा-भरा

घर के अंदर का ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन करें, इससे घर के अंदर प्रदूषण  का असर कम रहेगा। खासकर अगर आप दिल्ली जैसे प्रदूषित शहरों में रहने वाले लोगों के लिए यह बहुत जरूरी है क्योंकि ज्यादातर बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक है। घरों में मनी प्लांट, स्पाइडर , तुलसी, जरबेरा डेजी जैसे पौधा लगा सकते हो।

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पटाखों से जलाने के बाद साबुन के साथ धोएं

पटाखों में बहुत से केमिकल होते हैं। इनमें से बहुत से हानिकारक भी होते है, जिन्हें छूते ही आपकी त्वचा में जलन होने लगती है। ऐसे में आपके बच्चे या आप पटाखें जलाते हैं, तो आपको हाथ धोकर कोई और काम करना चाहिए।

 

खान-पान का रखें विशेष ध्यान

प्रदूषण से सबसे ज्यादा असर रेसपिरेटरी सिस्टम, नर्वस सिस्टम और डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है। ऐसे में खानपान ठीक नहीं होगा तो शरीर पर प्रदूषण का ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। खानपान ठीक रहे तो प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है।

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शरीर के खुले हिस्से में लगाए तेल

दिवाली की रात काफी ज्यादा मात्रा में पटाखे जलाए जाते हैं, ऐसे में पटाखों का धुआं और हानिकारक केमिकल हवा में घुल जाते हैं। ऐसे में त्वचा का हवा के साथ सीधा संपर्क रोकने के लिए त्वचा की नमी बनाए रखना बहुत जरूरी है।

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