केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 2024-2025 के बजट में 90,958.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान 80,517.62 करोड़ रुपये से 12.96 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने कैंसर के उपचार की तीन दवाओं - ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब पर सीमा शुल्क में छूट की भी घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए कहा- ‘‘कैंसर रोगियों को राहत प्रदान करने के लिए, मैं तीन और दवाओं को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव करती हूं। मैं चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत मेडिकल एक्स-रे मशीनों में उपयोग के लिए एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों पर बीसीडी (मूल सीमाशुल्क) में भी बदलाव का प्रस्ताव करती हूं।''
आयुष मंत्रालय के लिए बजट आवंटन को 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,712.49 करोड़ रुपये किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय को आवंटित 90,958.63 करोड़ रुपये में से 87,656.90 करोड़ रुपये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को तथा 3,301.73 करोड़ रुपये स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को आवंटित किए गए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत योजनाओं के लिए बजट आवंटन 77,624.79 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 87,656.90 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए बजट आवंटन 2023-24 में 31,550.87 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 36,000 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के लिए 6,800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7,300 करोड़ रुपये कर दिया गया है। राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए बजट आवंटन 65 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 90 करोड़ रुपये कर दिया गया है। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए आवंटन पहले की तरह 200 करोड़ रुपये ही है।
केंद्रीय बजट में स्वायत्त निकायों के लिए बजट आवंटन 2023-2024 में 17,250.90 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 18,013.62 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इन निकायों में एम्स, नई दिल्ली के लिए आवंटन 4,278 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4,523 करोड़ रुपये कर दिया गया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के लिए आवंटन 2295.12 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,732.13 करोड़ रुपये कर दिया गया है।