हिंदू धर्म में श्रीमद्भागवत गीता का नाम सबसे पवित्र पुस्तकों में आता है। ऐसे तो ये धार्मिक पुस्तक कई लोगों के घर में मिल जाएगी, पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया की सबसे बड़ी श्रीमद्भागवत के बारे में। ये 800 किलो की है और इसका 1 पन्ना पलटने के लिए 4 लोग लगते हैं। ये कहीं और नहीं बल्कि साउथ दिल्ली के ईस्ट कैलाश के इस्कॉन मंदिर में है।
800 किलो है श्रीमद्भागवत गीता का वजन
साउथ दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में रखी गीता 2.8 मीटर लंबी और 2 मीटर चौड़ी है। इसके साथ ही इसका वजन भी 800 किलो है। जो आम गीता पुस्तकों से काफी ज्यादा है। इसका एक पन्ना पलटने में 4 लोग लगते हैं। बता दें कि इस श्रीमद्भगवद गीता में 670 पन्ने हैं।
सोना, चांदी और प्लेटिनम का हुआ इस्तेमाल
इस श्रीमद्भागवत गीता के पन्ने आम पन्नों से काफी अलग है। इसके पन्नों को बनाने के लिए सिंथेटिक के मजबूत कागज का इस्तेमाल हुआ है। इसके साथ ही इसमें सोना, चांदी और प्लेटिनम का भी इस्तेमाल किया है। दिल्ली के इस्कॉन टैंपल में रखी इस श्रीमद्भागवत गीता को इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रीमद् एसी भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने बनाया है।
श्रीमद्भागवत को बनवाने में आया करोड़ों का खर्चा
इस विशाल श्रीमद्भागवत गीता को बनवाने में डेढ़ करोड़ रुपए का खर्च आया है। इसे छपवाने में करीब ढाई साल भी लगे हैं, जिसके बाद दुनिया की सबसे विशाल श्रीमद्भागवत गीता बन कर तैयार हुई है।
कैसे जाएं इस्कॉन टैंपल?
अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो नजदीकी मेट्रो स्टेशन कैलाश कॉलोनी मेट्रो स्टेशन है। यहां से आप पैदल या रिक्शा लेकर मंदिर पहुंच सकते हैं। वहीं दूसरे शहरों से आए लोगों को रेलवे सटेशन के साथ वाली मेट्रो (New Delhi Metro) से कैलाश कॉलोनी तक की मेट्रो लेकर मंदिर के दर्शन करने जा सकते हैं।