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95 साल की Entrepreneur दादी जिसने अपने हुनर को दिए पंख, करती हैं लाखों की कमाई

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 21 Nov, 2022 12:59 PM
95 साल की Entrepreneur दादी जिसने अपने हुनर को दिए पंख, करती हैं लाखों की कमाई


कहते हैं कि इंसान का हुनर कभी भी बेकार नहीं जाता। यदि आपने कोई काम सीखा है तो वह जिंदगी के किसी न किसी मोड़ पर आपके काम आ ही जाता है।  ऐसे ही एक 95 वर्ष की दादी मां हरभजन कौर है जिनके हुनर ने उनको आज एक सफल बिजनेसवुमन बना दिया है और उनकी सक्सेस स्टोरी सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है। दरअसल चंडीगढ़ में रहने वाली ये दादी मां की बेसन की बर्फी का स्वाद लोगों की जुबान पर ऐसा चढ़ा कि अब हर घर में दादी मां की बेसन की बर्फी खाई जा रही हैं। हरभजन  हर महीने लाखों रुपये का बिजनेस कर रही हैं और चंडीगढ़ में एक सफल बिजनेसवुमन के तौर पर जानी जाती हैं। 

  डिमांड बढ़ने का बाद दिया मिठाई को ब्रांड नेम

समय के साथ जैसे-जैसे हरभजन कौर की मिठाई की डिमांड बढ़ने लगी, तो उन्होंने अपनी मिठाई को एक ब्रांड नेम दे दिया। आज उनकी मिठाई हरभजन्स (Harbhajan's)  के नाम से मार्केट में सप्लाई होती है। आज इस ब्रांड की न केवल मिठाई मिलती है बल्कि अचार, बादाम का शरबत, लौकी की आइस्क्रीम, आटे की पंजीरी, दाल का हलवा, टमाटर समेत कई तरह की चटनी भी मार्केट में उपलब्ध है। हरभजन कौर के प्रोडक्ट की मार्केटिंग उनके परिवार के लोग ही करते है। आप इनके उत्पादों को ऑनलाइन ऑर्डर देकर भी मंगा सकते हैं। 

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पहली कमाई थी 2 हजार रुपये

हरभजन कौर की बेटी रवीना बताती हैं कि इस सफर की शुरुआत में मां ने पास के ही एक लोकल बाजार में दुकान लगाकर बर्फी बेचनी शुरू की, जिसकी पहली कमाई के रूप में उन्हें खुद के कमाएं 2000 रुपए मिले। यह एक हाउसवाइफ के लिए बहुत खुशी की बात थी, जो शायद ही कभी अपने परिवार के बिना घर के बाहर निकली हो।

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आनंद महिंद्रा ने की हरभजन कौर की तारीफ

बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने भी हरभजन कौर की तारीफ की है और उन्होंने हरभजन कौर को 'एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर' का खिताब दिया है। हरभजन कौर के पति की मौत साल 2008 में हार्ट अटैक से हुई, इसके बाद वह काफी अकेला महसूस करने लगी थीं। वह अपनी बेटी की घर पर रहने लगीं, लेकिन घर पर सब कामकाजी थे, इसलिए उनका मन नहीं लगता था।

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तब उन्होंने 90 साल की उम्र में काम करने की ठानी और आज 5 साल बाद अपने बिजनेस की वजह से वह लाखों रुपए की मालकिन हैं। इस कहानी से हमें ये ही सीखने को मिलता है की अपने हुनर को पंख देने की कोई भी उम्र नहीं होती।


 

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