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10वीं बार बिहार के CM बने नीतीश कुमार की  प्रेम कहानी,  प्यार में आधी रात  दौड़ाई थी बाइक

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 20 Nov, 2025 10:21 AM
10वीं बार बिहार के CM बने नीतीश कुमार की  प्रेम कहानी,  प्यार में आधी रात  दौड़ाई थी बाइक

नारी डेस्क: जनता दल (यूनाइटेड) के चीफ नीतीश कुमार आज रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होगा, जहां 2005, 2010 और 2015 में उनके शपथ ग्रहण समारोह हो चुके हैं। आज हम आपको CM नीतीश कुमार की स्वर्गीय पत्नी मंजू कुमारी सिन्हा के बारे में बताने जा रहे हैं, वह एक समर्पित टीचर और सपोर्टिव लाइफ पार्टनर थीं। 

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राजनीतिक मंचों से रही दूर

1973 में शादी के बाद मंजू कुमारी ने नीतीश की पर्सनल और पॉलिटिकल लाइफ में अहम रोल निभाया।  वे सुर्खियों से दूर रहीं, लेकिन निजी जीवन में नीतीश कुमार की सबसे बड़ी ताकत मानी जाती थीं।  2007 में उनका निधन हो गया और वे दया, विनम्रता और शांत ताकत की विरासत छोड़ गईं। कहा जाता है कि नीतीश कुमार की पत्नी अपना काम ईमानदारी से करती थीं और कभी भी राजनीतिक या सार्वजनिक मंचों पर नहीं दिखती थीं।


 40 किलोमीटर दूर सीएम पहुंच गए थे पत्नी के पास

साल 1985 की बात है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार विधायक बने थे। जीत के बाद वह अपने गांव बख्तियारपुर लौटे, तो पूरे इलाकें में जश्न का माहौल था, पर उनकी पत्नी वहां मौजूद नहीं थी।  मंजू देवी उस समय अपने मायके में लगभग 40 किलोमीटर दूर थी,  ऐसे में नीतीश कुमार अपनी पत्नी से मिलने के लिए रात में ही बाइक लेकर 40 किलोमीटर दूर अपनी ससुराल पहुंच गए। दरवाजा खुला तो सामने उनकी पत्नी मंजू देवी थी। अपने पति को अचानक सामने देखकर उनकी आंखो में खुशी झलक पड़ी। 

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नीतीश कुमार के जीवन में उनकी भूमिका

मनजु जी ने एक पत्नी के रूप में हमेशा नीतीश कुमार को भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया, खासकर तब जब वे राजनीति में संघर्ष कर रहे थे जब  उन्हें अक्सर घर से दूर रहना पड़ता था, लंबे समय तक विपक्ष में रहकर कठिन समय झेलना पड़ता था।  उस समय मंजू कुमारी परिवार, बच्चे और घर की सारी जिम्मेदारियों को अकेले संभालती थीं, ताकि नीतीश कुमार अपने काम पर ध्यान दे सकें। कई करीबी लोग बताते हैं कि नीतीश कुमार की राजनीतिक सफलता के पीछे उनकी पत्नी का बहुत बड़ा योगदान रहा।

 

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मनजु कुमारी सिन्हा का 2007 में गुर्दे (किडनी) की बीमारी के कारण निधन हो गया। वे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती थीं, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका निधन नीतीश कुमार के लिए एक बड़ा व्यक्तिगत सदमा था, वह अपनी पत्नी के लिए फूट-फूट कर रोए थे।  सादगी, परिवार के प्रति समर्पण, किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के बिना पूरी निष्ठा से पति का साथ निभाना, कठिन समय में मानसिक सहारा बनना मनजु कुमारी उन भारतीय महिलाओं की छवि पेश करती थीं जो परिवार को मजबूत रखती हैं और बिना किसी दिखावे के अपने मूल्यों को निभाती हैं। मनजु कुमारी और नीतीश कुमार का एक बेटा है निशांत कुमार।  
 

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