एक वक्त था जब कुछ क्षेत्र पुरुष प्रधान हुआ करते थे , लेकिन अब जमाना बदल रहा है। अब हर काम में महिलाएं पुरुषों से कंधा मिलाकर चल रही हैं। चाहे फिर वो प्लेन उड़ाना हो या फिर बिजली के उपकरणों को ठीक करना। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने रूढ़िवादी सोच की बेड़ियां तोड़ वो काम कर रही है जो उन्हें पसंद है। हम बात कर रहे हैं नेहा कि जो कि एक महिला इलेक्ट्रीशियन हैं। कोरोना के समय जब घर में आर्थिक तंगी हुई तब नेहा ने ये काम चुना। बिजली का काम करना खतरे से खाली नहीं है। इसमें जान भी जा सकती है, पर कुरुक्षेत्र की नेहा इस काम में माहिर है। आज अपने हुनर के दम पर ही वो अपने परिवार की अच्छे से देखभाल कर पा रही हैं। बता दें कि नेहा ने ये काम डेढ साल में सीखा और अब कई लोग नेहा को बतौर इलेक्ट्रीशियन इतनी सफाई से काम करते हुए देखकर हैरान होते हैं।
नेहा को अच्छा लगता था इलेक्ट्रीशियन का काम
कुरुक्षेत्र की 20 वर्षीय नेहा के पापा मजदूरी करते हैं और मां घर संभालती है। नेहा पिछले 2 सालों से इलेक्ट्रीशियन का काम कर रही हैं। वो बताती हैं , 'जब मैनें ये काम शुरु किया था तो लोगों ने बहुत सी बातें बनाईं और तंज भी कसे। वो कहते हैं कि लड़कियां इलेक्ट्रीशियन का काम नहीं करती। ये सिर्फ लड़कों का काम है और इसमें खतरा भी बहुत ज्यादा है। घर आने-जाने का कोई समय नहीं होता। लेकिन मुझे ये काम पसंद था, इसलिए मैंने किसी की नहीं सुनी और चुपचाप अपना काम करती रही'।
डेढ़ साल में सीखा काम
नेहा आगे बताती हैं कि वो 8 वीं पास हैं इसलिए उन्होंने कभी अच्छी नौकरी की कभी भी उम्मीद नहीं की थी। वहीं नेहा को इलेक्ट्रीशियन का काम सीखने में डेढ़ साल का समय लगा। वो बताती हैं कि उनको इलेक्ट्रीशियन का काम करते देख कई सारे लोग चौंक जाते हैं और उनसे पूछते हैं कि क्या उनको डर नहीं लगता? वो हमेशा जवाब देती हैं कि जब लड़कों को डर नहीं लगता तो उनको क्यों लगेगा?'
माता-पिता को है नेहा पर गर्व
नेहा के पिता और माता को अपनी बेटी नेहा पर गर्व है। वो कहते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। हर इंसान को अपनी जिंदगी में काम करना होता है चाहे वो लड़का हो या फिर लड़की। वो खुश हैं कि उनकी बेटी इलीक्ट्रिशियन का काम करती हैं। वो कहती हैं कि एक बार को तो उन्हें डर जरुर लगा औक कोई दूसरा काम करने की भी सलाह दे डाली पर नेहा को तो ये ही काम पसंद था। इसलिए नेहा के पेरेंट्स ने भी उनका साथ देना का फैसला लिया।
आपको बता दें कि नेहा ने इलेक्ट्रीशियन का हुनर उस्ताद अश्विनी से सीखा है। वो बताते हैं कि,' जब भी नेहा मेरे साथ काम करने के लिए जाती हैं तो लोग हम दोनों को अलग नजरिए से देखते हैं। लोग बातें बनाते हैं कि एक लड़को रोज मेरे साथ जाती है, लेकिन मेरे लिए बेटी की तरह हैं। उनके परिवार को भी मुझ पर भरोसा है'। वो आगे बताते हैं कि नेहा लड़कों से भी बेहतर काम करती हैं। वो समय की पाबंद हैं और कभी लेट नहीं होती।