वैसे तो स्नातन धर्म के लोगों को सुबह सूरज भगवान को जस चढ़ाने से होती है, लेकिन रविवार के दिन सूर्य देव को जल चढ़ाने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं। रविवार का दिन सूर्य देव का होता है और इस दिन विधि- विधान से इनकी पूजा करके इन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। आपको बता दें कि सही नियम से जल चढ़ाने से कुंडली के सारे दोष सूर्य देव की कृपा से समाप्त हो जाता है। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि दान में तांबे के बर्तन, पीले और लाल वस्त्र, गेंहू, गुड़, मोती, लाल चंदन आदि का दान करें। अपनी श्रद्धानुसार इनमें किसी भी चीज का दान करें। वहीं सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए इन बातों का ध्यान रखें.....
सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए रखें इन बातों का ध्यान
- सूर्यदेव को तांबे के पात्र से ही जल दें। जल देते समय दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ें।
- सूर्य को जल अर्पित करते हुए उसमें पुष्प या चावल (अक्षत) जरूर रखें।
-दोनों हाथों से सूर्य को जल देते हुए ये ध्यान रखें की उसमें सूर्य की किरणों की धार जरूर दिखाई दे।
- पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही जल देना चाहिए।
- जल देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो जल आपके पैरों से स्पर्श न करें।
- यदि किसी दिन ऐसा हो कि सूर्य देव नजर ना आ रहे हों तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल दें।