05 DECFRIDAY2025 9:42:14 AM
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धर्मेंद्र के निधन के 5 दिन बाद सनी देओल पहुंचे सौतेली मां हेमा के घर, आखिर क्यो?

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 01 Dec, 2025 03:19 PM
धर्मेंद्र के निधन के 5 दिन बाद सनी देओल पहुंचे सौतेली मां हेमा के घर, आखिर क्यो?

नारी डेस्क: बॉलीवुड इंडस्ट्री में देओल और हेमा मालिनी के परिवार के बीच लंबे समय से दूरी और अलगाव की चर्चाएं रहती हैं। यह दूरी खासतौर पर तब सुर्खियों में आती है, जब परिवार के किसी महत्वपूर्ण मौके पर दोनों पक्ष अलग-अलग गतिविधियां करते हैं। धर्मेंद्र के निधन के बाद रखी गई प्रेयर मीट्स ने भी यही दूरी फिर से उजागर कर दी थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, सनी देओल और हेमा मालिनी ने अलग-अलग प्रेयर मीट आयोजित की थी। सनी ने होटल में तो हेमा ने अपने जुहू स्थित घर पर यह कार्यक्रम रखा।

सनी देओल अचानक पहुंचे सौतेली मां हेमा के घर

पिता धर्मेंद्र की मौत के 5 दिन बाद, सनी देओल ने अचानक अपनी सौतेली मां हेमा मालिनी के जुहू स्थित घर का रुख किया। सनी देओल अपने साथ भरत तख्तानी (ईशा देओल के पूर्व पति) को लेकर गए। दोनों को कार से उतरते हुए देखा गया। इस बात की जानकारी ट्विटर अकाउंट @LegendDeols पर साझा की गई, जिसमें सनी देओल की कार की फोटो भी शामिल थी। हालांकि, इस खबर की पुष्टि Punjab Kesari Nari ने नहीं की है।

यह मुलाकात इसलिए खास बनी, क्योंकि देओल परिवार और हेमा मालिनी के परिवार को आमतौर पर एक ही फ्रेम में देखना दुर्लभ होता है। लंबे समय से दोनों परिवारों के बीच औपचारिक दूरी रही है, इसलिए इस मुलाकात को कई लोगों ने रिश्तों में नरमाहट के संकेत के रूप में देखा।

मुलाकात का मकसद और माहौल

करीबी सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात पूरी तरह निजी और पारिवारिक थी। धर्मेंद्र के निधन के बाद परिवार का भावनात्मक माहौल बदल गया है। इस बदलाव के चलते सनी और हेमा के बीच संवाद पहले की तुलना में अधिक सहज हुआ। माना जा रहा है कि सनी देओल इस कठिन समय में हेमा मालिनी से व्यक्तिगत संवेदना व्यक्त करना चाहते थे। जहां तक भरत तख्तानी की मौजूदगी का सवाल है, वह ईशा देओल के पूर्व पति होने के नाते इस मुलाकात का हिस्सा बने। सूत्रों का कहना है कि बातचीत पूरी तरह शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।

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सोशल मीडिया और फैंस की प्रतिक्रिया

इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर फैंस ने अपनी खुशी और प्रतिक्रियाएं साझा कीं। कई लोगों ने इसे "रिश्तों की नई शुरुआत", "परिवारों के बीच पिघलती दीवारें" और "धर्मेंद्र जी की विरासत का असर" जैसी भावनाओं से जोड़ा। यह मुलाकात इस बात का प्रतीक मानी जा रही है कि मुश्किल समय में परिवार के सदस्य एक-दूसरे के करीब आते हैं और भावनात्मक समर्थन देते हैं।  

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