इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति की पत्नी और लेखक एवं परोपकार के कार्य से जुड़ी सुधा मूर्ति भारतीय महिलाओं की प्रेरणा बन चुकी हैं। देश की पहली महिला इंजीनियर होने से लेकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की साय होने के साथ- साथ वह अपनी सादगी को लेकर भी जानी जाती हैं। साधारण सी दिखने वाली सुधा मूर्ति ने हाल ही में अपनी जिंदगी से जुड़ा बेहद दिलचस्प किस्सा दुनिया के साथ सांझा किया है।
"सादा जीवन उच्च विचार" के सिद्धांत को अपनी रियल लाइफ में अपनाने वाली सुधा मूर्ति हाल ही में 'द कपिल शर्मा' शो में पहुंची थी। उनके साथ गुनीत मोंगा और रवीना टंडन भी शो का हिस्सा बनी थी। सोनी चैनल ने इस शो का एक प्रोमो शेयर किया है जिसमें सुधा मूर्ति कहती सुनाई दे रही है कि सलवार-कमीज पहनने के चलते उन्हें 'कैटल-क्लास' कहकर बुलाया गया था।
वीडियो में देख सकते हैं कि अर्चना पूरन सिंह नारायण मूर्ति की पत्नी से पूछती हैं कि एक बार जब आप विदेश जा रही थीं तो बिजनेस क्लास में दो महिलाओं ने आपसे कहा था कि आप इकॉनमी वाली लाइन में बैठो, क्या ये बात सव है? इसके जवाब में सूधा ने कहा- 'हां, ऐसा हुआ था, 4-5 साल पहले मैं एयरपोर्ट पर सलवार-कमीज पहनकर गई थी। मेरे पास बिजनेस क्लास का टिकट था, मैं लाइन में खड़ी थी'।
वह आगे कहती हैं कि- 'बिजनेस क्लास की दो महिलाओं को लगा कि साड़ी या सलवार-कमीज पहन लिया तो ये तो 'दीदी' है, 'बहनजी' है। वो बोलीं कि ये तो कैटल क्लास लोग हैं।इकॉनमी के लोगों को क्या पता कि बिजनेस क्लास क्या होती है। मैंने जाकर उनसे पूछे लिया कि कैटल क्लास क्या है? क्लास आपके पास कितने पैसे हैं, इससे पता नहीं चलता। ना ही पैसे होने का मतलब यह है कि आपकी क्लास है। महान गणितज्ञ मंजुल भार्गव ने इंडिया को इतना सम्मान दिलवाया, वह क्लास लोग हैं। मदर टेरेसा...क्लास वाले लोग हैं। क्लास का मतलब है कि आप अपने काम में श्रद्धा रखिए। जो अच्छा काम करते हैं ना वो क्लास लोग होते हैं। पैसों से क्लास नहीं है कि इकॉनमी क्लास है'।
सुधा मूर्ति की यह बात सुनकर पहले तो सभी हैरान रह गए फिर कपिल शर्मा ने उनके लिए तालियां बजाई। इसके अलावा सुधा मूर्ति ने यह भी बताया कि कैसे वह कैसे पति नारायण मूर्ति से पहली बार मिली थीं। बता दें कि वह आईटी इंडस्ट्रियलिस्ट और इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति की पत्नी होने के साथ -साथ एक इंस्पायरिंग वुमन हैं। नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10,000 रुपये लेकर इंफोसिस की नींव रखी थी।