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Infosys की नौकरी छोड़ शुरू किया खाने का काम, आज 14 रेस्टोरेंट की मालकिन

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 28 Sep, 2020 04:56 PM
Infosys की नौकरी छोड़ शुरू किया खाने का काम, आज 14 रेस्टोरेंट की मालकिन

इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) जैसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने के लिए लोग तरसते हैं लेकिन कई बार ढेरों डिग्री और एक्सपीरियंस होने के बाद उन्हें यह अवसर नहीं मिल पाता। मगर, एक ऐसी महिला भी है जिन्होंने Infosys की नौकरी छोड़ खाने का काम शुरू किया और आज वह 14 रेस्टोरेंट की मालकिन है। हम बात कर रहे हैं जयंती कठाले की, जो महाराष्ट्रियन खाने के बिजनेस से लाखों कमा रही हैं।

Infosys की नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस

सॉफ्टवेर इंजीनियर जयंती IT कंपनी Infosys में प्रोजेक्ट मेनेजर का काम करती थीं। उन्होंने सिर्फ इंफोसिस ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया में IT की नौकरी को भी ठोकर मार दी। इंफोसिस में ही काम करते हुए विदेश में घूमने का मौका मिला लेकिन विदेशी यात्रा के दौरान उन्होंने जिस चीज को सबसे ज्यादा मिस किया वो था घर का खाना। उनके पति भी जब पेरिस में काम करने गए तो उन्हें देसी खाना मिलने में काफी दिक्कत होती थी।

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पति के एक लैटर ने बदल दी जिंदगी

जयंती ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पति ने पेरिस से एक बार उन्हें लव लेटर लिखते हुए कहा कि वो उन्हें बहुत मिस कर रहे हैं और वो बहुत भूखे हैं। लेटर पर उनके पति के आंसू की एक बूंद भी गिरी हुई थी। फिर क्या जंयती ने अपने क्षेत्र यानि महाराष्ट्र के पारंपरिक खाने को बढ़ावा देने की सोची।

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एक किस्सा शेयर करते हुए जयंती ने बताया कि वो ऑस्ट्रेलिया जा रही थी तब उनके पति को फ्लाइट में कुछ भी वेजीटेरियन खाने को नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने देसी खाने को विदेशों में पहचान दिलाने का फैसला कर लिया। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया में कर रही 2 साल की नौकरी छोड़ बेंगलुरु में 'पूर्णब्रह्मा' की स्थापना की, जिसमें महाराष्ट्र शाकाहारी व्यंजन परोसा जाता है। 'पूर्णब्रह्मा' में आप श्रीखंड पूरी से लेकर पूरण पोली और पारंपरिक मराठी भोजन का भी मजा ले सकते हैं। आज वह 14 रेस्टोरेंट की ग्लोबल चेन खोल चला चुकी हैं। 

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हर कर्मचारी को दी जाती है समान सैलरी

जंयती ने अपने बिजनेस की शुरूआत घर के मोदक से की थी। उन्होंने मोदक के ऑर्डर लेने शुरू किए लेकिन उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन वह पीछे नहीं हटी। आज अमरावती, मुंबई, पुणे के अलावा ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में भी अपने रेस्टोरेंट की ब्रांच है। खास बात तो यह है कि उनके रेस्टोरेंट में काम करने वाले हर कर्मचारी को एक समान सैलेरी दी जाती है।

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रेस्टोरेंट का खाना वेस्ट ना हो इसलिए...

यही नहीं, उनकी कंपनी का नियम है कि हर कर्मचारी को हर घंटे वॉटर थेरेपी के तहत पानी पीना होगा और कस्टमर को खाना देने से पहले उन्हें खुद भी खाना होगा। इतना ही नहीं, सारा खाना खत्म करने के बाद कस्टमर को 5% डिस्काउंट भी दिया जाता है लेकिन खाना छोड़ने पर 2% चार्ज भी लगता है। ऐसा इसलिए ताकि लोग खाना वेस्ट ना करें। बता दें कि जंयती होम शेफ मोदक के भी 18 सेंटर खोल चुकी हैं।

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