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पंजाब की शेरनी ने ऐसे रचा भारतीय महिला क्रिकेटर टीम में इतिहास

  • Edited By palak,
  • Updated: 07 Feb, 2023 06:09 PM
पंजाब की शेरनी ने ऐसे रचा भारतीय महिला क्रिकेटर टीम में इतिहास

जब कुछ करने का जज्बा और पूरी मेहनत साथ हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। मेहनत और कड़े प्रयासों के साथ जिंदगी की हर जंग जीती जा सकती है। ऐसी ही एक महिला के बारे में आज आपको बताने वाले हैं जिसको दुनिया ने कई ताने सुनाए लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा किया। यह महिला कोई और नहीं बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर है। हरमनप्रीत कौर को क्रिकेट की शेरनी कहा जाता है। उनकी काबिलियत देखकर खुद सचिन तेंदुलकर ने उन्हें तोहफा दिया थ। तो चलिए आपको बताते हैं हरमनप्रीत कौर की सफलता की कहानी...

 पंजाब के मोगा में जन्मी थी हरमनप्रीत 

हरमनप्रीत का जन्म 8 मार्च 1989 यानी वुमेन्स डे के दिन पंजाब के मोगा में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम हरमंदर सिंह भुल्लर और सतविंदर कौर है। हरमनप्रीत की प्राइमरी एजुकेशन भूपिंदरा खाल्सा गर्ल्स स्कूल और 10वीं गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई है। वह एक ऑल राउंडर खिलाड़ी हैं। 

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स्कूल में खेलती थी हॉकी और एथलेटिक्स 

हरमनप्रीत के 3 भाई बहन है वह अपने भाई बहनों में से सबसे बड़ी हैं। वह स्कूल में हॉकी और एथलेटिक्स खेलती थी लेकिन उन्हें क्रिकेट पसंद था। हरमनप्रीत के पास खेलने का माहौल नहीं था और न ही खास सुविधाएं। पिता के पास भी इतने पैसे नहीं थे कि वह बेटी को बैट लेकर दें लेकिन फिर भी हरमनप्रीत ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने भाई और उनके दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया। उस समय पंजाब के स्कूलों में भी क्रिकेट नहीं थी। हरमनप्रीत की पिता चाहते थे कि उनकी बेटी हॉकी खिलाड़ी बने लेकिन उन्हें शुरु से ही क्रिकेटर का शौक था। 

हॉको को बल्ला बनाकर खेलती थी क्रिकेट 

हरमनप्रीत बैट न होने के कारण हॉकी को ही बैट बनाकर क्रिकेट के शॉट खेलती थी। 2006 में वह मोगा जिले के तारापुर गांव के एक स्कूल में पढ़ने गई वहां पर क्रिकेट अकेडमी थी। वहीं से हरमनप्रीत ने क्रिकेट खेलना शुरु किया। उनके पिता हरमंदर खुद भी एक बॉस्केटबॉल और हैंडबॉल के राज्य स्तरीय खिलाड़ी रहे हैं उन्होंने कभी भी लड़की और लड़के में फर्क नहीं किया।  घर के सामने स्टेडियम में वह अक्सर अपनी बेटी का अभ्यास देखने जाते थे हालांकि लोग उनका मजाक भी उड़ाते थे कि लड़की को खिलाड़ी बनाकर क्या करोगे लेकिन पिता ने कभी भी इस बात की परवाह नहीं की।  

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शुरु से लगाती थी छक्के 

एक बार हरमनप्रीत स्थानीय मैच खेल रही थी उन्होंने 75 रनों की एक आकर्षक पारी भी खेली थी जिसमें उन्होंने लंबे-लंबे छक्के मारे । इससे लोगों के घरों के शीशे भी टूट गए  जिसके बाद लोग नाराज होकर मैदान में लड़ने आ गए लेकिन जब उन्हें पता लगा कि एक लड़की ने ऐसे दमदार छक्के लगाए हैं तो वह हैरान हो गए हो और नाराजगी छोड़कर हरमनप्रीत को शाबाशी देने लगे। 

खेल चुकी हैं कई बड़े मैच 

हरमनप्रीत कौर कई बड़े मैच खेल चुकी हैं। उन्होंने 2017 में विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनों की बेहतरीन पारी भी खेली थी। इस पारी की तुलना कपिल देव के 1983 के वर्ल्ड कप में जिमबाब्वे के खिलाफ खेली हुई पारी से की जाती है। वहीं पिछले साल हुई कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल मुकाबले में हरमनप्रीत ने 43 गेंदों में 65 रनों की शानदार पारी भी खेली थी। 

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