हर साल लगाए जाने वाले कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडाल आस्था, कल्पना और क्रिएटिविटी का अद्भुत मेल हैं। यहां, दुर्गा पूजा के लिए मां के मुर्ती के साथ भी क्रिएटिविटी के नमूने देखने को मिलते हैं, जिसे देखने के लोग देश-विदेश से पहुंचते हैं। पंडाल के इंटीरियर से लेकर प्रतिमा तक, सभी चीजें खास होती हैं। वहीं, मां की मूर्ति में भक्तों के लिए कोई ना कोई संदेश भी भेजा जाता है।
सोने से सजी मां की मूर्ति
कोलकत्ता में दुर्गा मां के मूर्ति के जरिए हर साल कोई ना कोईं संदेश दिया जाता है, ताकि लोगों में जागरूकता लाई जा सके। बात नवरात्रि 2021 की करें तो इस साल बंधु महल क्लब की ओर से Baguiati में दो पंडाल लगाए गए हैं। इनमें से दुर्गा मां की एक प्रतिमा की आंखें खरे सोने से बनाई गई है तो दूसरी तरफ मां को खूबसूरत सोने की जरी वाली साड़ी पहनाई गई है।
10 लाख में बनकर तैयार हुआ पंडाल
दुर्गा मां की मूर्ति बनाने के लिए साड़ी में लगभग 6 ग्राम और देवी की आंखों के लिए 10-11 ग्राम सोने की लागत इस्तेमाल की गई है। सोने की साड़ी और आंखों के लिए करीब 1.5 लाख रुपए का खर्च हुआ है। वहीं, पूरा पंडाल 10 लाख की लागत से तैयार किया गया है।
मूर्तिकार अरुण पाल को दी गई श्रद्धांजलि
पंडाल में मूर्तिकार अरुण पाल के स्टूडियो को रिक्रिएट करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है। बता दें कि पाल कालिघाट के एक मशहूर मूर्तिकार हैं, जो कई सालों से देवी की मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। पिछले साल उनका निधन हो गया।
किसान आंदोलन का भी दिखा इतिहास
इसके अलावा कोलकत्ता के पंडाल में किसान आंदोलन का इतिहास भी दिखाया जाएगा। इसके जरिए ना सिर्फ किसानों को समर्थन दिया जाएगा बल्कि लोगों में जागरूकता लाने की भी कोशिश की गई है। पंडाल के मुख्य भाग पर एक धान का खेत दिखाया गया है जहाँ दुर्गा की मूर्ति रखी गई है। यह कृषि और उसके उत्पादन के महत्व को दर्शाता है और लखीमपुर खीरी घटना को प्रदर्शित करके किसानों का विरोध भी करता है।
गरीब लड़की को दी जाएगी साड़ी
क्लब की PR टीम की डायरेक्टर दिपानविता बिस्वास के बताया कि दुर्गा पूजा समाप्त होने के बाद साड़ी गरीब लड़की को दान दी जाएगी, जिसकी जल्दी ही शादी होने वाली है।