नारी डेस्क: शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण आज बॉलीवुड के सबसे बड़े और चर्चित नामों में से हैं। शाहरुख को जहां “किंग खान” कहा जाता है, वहीं दीपिका भी टॉप एक्ट्रेसेस की लिस्ट में शामिल हैं। खास बात यह है कि दोनों ही स्टार्स का इंडस्ट्री में आने से पहले कोई गॉडफादर नहीं था। इन्होंने अपनी मेहनत और टैलेंट से खुद की पहचान बनाई है।
वेव्स समिट 2025 में लिया हिस्सा
हाल ही में मुंबई में आयोजित वेव्स समिट 2025 में शाहरुख और दीपिका ने हिस्सा लिया। यहां “इनसाइडर बनाम आउटसाइडर” की बहस पर चर्चा की गई, जिसमें दोनों कलाकारों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने रास्ते बनाए।
शाहरुख खान ने उठाए सवाल इनसाइडर-आउटसाइडर डिबेट पर
शाहरुख खान ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि उन्हें इन शब्दों से परेशानी होती है। उन्होंने कहा,"भूख और महत्वाकांक्षा पर बहुत बातें होती हैं। ये बहुत भारी शब्द हैं। हां, मैं भूखा था और मैंने कड़ी मेहनत की, लेकिन मैं इन शब्दों में विश्वास नहीं करता।" शाहरुख ने आगे कहा कि आउटसाइडर और इनसाइडर के बीच का फर्क बनाना सही नहीं है। "आप कहां से आते हैं, ये ज़रूरी नहीं है। ज़रूरी ये है कि आपने उस दुनिया में कदम रख दिया है। अब सवाल ये है कि आप वहां कैसे अपनी पहचान बनाते हैं। लोग सोचते हैं कि अगर वो आउटसाइडर हैं तो उन्हें मौका नहीं मिलेगा, जबकि असल में बात आपकी मेहनत और नजरिए की होती है।"
दीपिका पादुकोण की फिल्मी दुनिया में एंट्री
दीपिका पादुकोण ने भी इस डिबेट पर अपनी बात रखी और बताया कि जब उन्होंने करियर की शुरुआत की, तब इनसाइडर या आउटसाइडर जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं होता था।उन्होंने बताया,"जब मैं इंडस्ट्री में आई तो सब कुछ नया था। उस समय मेरी उम्र सिर्फ 16-17 साल थी। मुंबई आई और फराह खान से मिली। उन्होंने मुझसे कहा कि एक बार शाहरुख से मिल लो।"
शाहरुख उस समय 'चक दे इंडिया' की शूटिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया में थे। दीपिका एक मॉडल थीं और उन्होंने बताया कि,"मेरा काम देखा गया और कहा गया कि जब शाहरुख लौटेंगे तब मुलाकात होगी और वही हुआ। मुझे कभी ये फील नहीं हुआ कि मैं बाहर से आई हूं। मुझे खुद पर विश्वास था और मेहनत करने की इच्छा भी थी। ये सब मेरे कंट्रोल में था।"

मेहनत और विश्वास ही असली चाबी
इस चर्चा में शाहरुख और दीपिका दोनों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि फिल्म इंडस्ट्री में सफलता पाने के लिए गॉडफादर जरूरी नहीं है। असली फर्क मेहनत, आत्मविश्वास और अपने काम के प्रति लगन से पड़ता है। इस पैनल सेशन से यह स्पष्ट हुआ कि चाहे आप कहीं से भी आए हों, अगर आपमें टैलेंट है और आप मेहनत करते हैं, तो आप बॉलीवुड में अपनी जगह बना सकते हैं।
वेव्स समिट 2025 में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की बातचीत ने इस बात को साफ कर दिया कि “इनसाइडर बनाम आउटसाइडर” बहस से ज्यादा जरूरी है अपने सपनों में भरोसा रखना और उन्हें पूरा करने के लिए लगातार कोशिश करना।