बाॅलीवुड की चांदनी यानि श्रीदेवी के निधन को आज तीन साल हो गए हैं। श्रीदेवी 24 फरवरी 2018 के दिन दुनिया को अलविदा कहकर अपने फैंस और करीबियों को सदमा दे गई थीं। उन्होंने दुबई में आखिरी सांस ली थी। अपनी एक्टिंग और अपनी मासूमियत के कारण वह आज भी सबके दिलों पर राज करती हैं। आज उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर हम आपको बताएंगे कि कैसे श्री अम्मा यंगर अयप्पन बनी सुपरस्टार 'चांदनी'।
4 साल की उम्र में की थी पहली फिल्म
श्रीदेवी 4 साल की उम्र से फिल्मों में काम कर रही थीं। उनकी उम्र महज 54 साल थी और इन 54 सालों में वे 50 सालों तक अभिनय की दुनिया से जुड़ी रही थीं।
अम्मा यंगर अय्यपन था पूरा नाम
13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के शिवकाशी में पैदा हुई श्रीदेवी का पूरा नाम श्रीअम्मा यंगर अय्यपन था। उन्होंने सिल्वर स्क्रीन के लिए अपना नाम बदलकर श्रीदेवी रख लिया था। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें यह नाम उनकी मां ने दिया था।
श्रीदेवी नहीं गई कभी स्कूल
श्रीदेवी कभी स्कूल नहीं गई, जिसका खुलासा उन्होंने खुद एक इंटव्यू के दौरान किया था। स्कूल ना जाने का मलाल उन्हें जिंदगी भर रहा इसलिए वह चाहती थी कि उनकी बेटियां पढ़ाई पूरी करने के बाद ही फिल्मी दुनिया में कदम रखें।
शुरूआत में नहीं आती थी हिंदी
शायद ही किसी को पता हो कि बॉलीवुड में आने से पहले श्रीदेवी को तमिल और तेलुगु बहुत अच्छी तरह से आती थी लेकिन उन्हें हिंदी बोलनी नहीं आती थी। ऐसे में करियर की शुरूआत में श्रीदेवी की फिल्मों में उनके लिए डबिंग करवाई जाती थी, उन्हें आवाज वॉयस आर्टिस्ट रेखा और नाज ने दी। इसी वजह से उन्हें शुरूआत में 'गूंगी गुड़िया' भी कहा जाता था।
ठुकराई थी हाॅलीवुड फिल्म
1993 में श्रीदेवी जब अपने करियर के चरम पर थीं तब स्टीफन स्पीलबर्ग ने उन्हें जुरासिक पार्क फिल्म ऑफर की थी। तब उन्होंने यह कहकर इस रोल को करने से साफ मना कर दिया था कि वह उनके कद के मुताबिक नहीं है।
शादी के बाद हो गई बॉलीवुड से दूर
श्रीदेवी 1996 में डायरेक्ट बोनी कपूर संग शादी के बंधन में बंध गई थी। इसके बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली थी। हालांकि इस दौरान वह कई टीवी शो में भी नजर आई थीं। साल 2012 में गौरी शिंदे की फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' से श्रीदेवी ने शानदार कमबैक किया था।
कई पुरस्कारों से किया गया सम्मानित
उनकी काबलियत को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया था। उन्हें 3 बार फिल्मफेयर पुरस्कार और 2013 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। 80 के दशक में उनके डांस और ड्रेसिंग सेंस के कारण उन्हें 'Miss Thunder Thighs' भी कहा जाता था।