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काबूल एयरपोर्ट पर गोलीबारी के बीच एयरहोस्टेज श्वेता ने नही हारी हिम्मत, 129 यात्रियों को ले आई सकुशल भारत

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 20 Aug, 2021 02:09 PM
काबूल एयरपोर्ट पर गोलीबारी के बीच एयरहोस्टेज श्वेता ने नही हारी हिम्मत, 129 यात्रियों को ले आई सकुशल भारत

भारत की दिवंगत बहादुर बेटी एयरहोस्टेज नीरजा भनोज की तरह एक और बेटी ने अपने हिम्मत और हौंसले से कई यात्रियों को सुरक्षित उनके स्थान पहुंचाया।  महाराष्ट्र के अमरावती की श्वेता शंके तालिबान के आंतक से बिना घबराए एयर इंडिया के विमान से 129 यात्रियों को सकुशल भारत ले आई। आज चारों ओर से श्वेता की तारीफे हो रही है। 

एयरहोस्टेस श्वेता शंके ने दिखाई 129 भारतीय वतन लौटे 
दरअसल, तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद भारत वहां फंसे हुए अपने देशवासियों को एयरलिफ्ट करवा कर वतन वापस बुला रहा है। इसी बीच एयर इंडिया के जिस विमान से 129 भारतीय वतन लौटे हैं, उस विमान में महाराष्ट्र के अमरावती की रहने वाली श्वेता शंके एयरहोस्टेस थीं। श्वेता ने पूरी हिम्मत और बहादुरी से पूरे हालात को संभाला और सारे यात्रियों को भारत सकुशल वतन वापिस पहुंचाया।

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गोलीबारी के बीच श्वेता ने जान की परवाह किए बिना 129 यात्रियों का रखा ध्यान
AI-244 नाम का यह विमान काबुल एयरपोर्ट पर जब पहुंचा तो बाहर से गोलियों की आवाजें आ रही थीं।  हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था।  ऐसी गंभीर परिस्थिति में एयरहोस्टेज श्वेता शंके ने हालात को संभाला और जान की परवाह ना करते हुए 129 यात्रियों का मार्गदर्शन करते हुए सुरक्षित विमान के अंदर प्रवेश करवाया और विमान को टेकऑफ करवाया। 

 श्वेता अमरावती जिले के दर्यापुर की रहने वाली है। उनके इस हिम्मत की चारों तरफ चर्चा हो रही है। आपकों बता दें कि यह काम आसान नहीं था क्योंकि काबुल इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के विमान को उतरने की इजाजत नहीं मिल रही थी।  एक तरफ तालिबान का डर, अपहरण होने की आशंका और इस बीच गोलीबारी का होना। लेकिन इन सब डरावने माहौल के अंदर भी श्वेता ने अपने हौंसले सेस्थिर दिमाग से यात्रियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें सुरक्षित प्लेन में बिठाया।

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 ताई, बाहर से गोलियों की आवाज आ रही थी, लेकिन हमने अपना लक्ष्य पूरा किया
श्वेता के इस हौंसले पर माता-पिता को अपनी बेटी पर अभिमान हो रहा है। श्वेता अमरावती जिले के दर्यापुर में बाभली इलाके के शिवाजी चौक में रहती है, भारत आने के बाद महाराष्ट्र की कैबिनेट मंत्री यशोमति ठाकुर ने उनसे बातचीत की। इस दौरान श्वेता ने यशोमति ठाकुर  को बताया कि ताई, बाहर से गोलियों की आवाज आ रही थी, लेकिन हमने अपना लक्ष्य पूरा किया।

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