एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी को कुछ साल पहले एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम जैसी जटिल स्वास्थय समस्या से जुझना पड़ा था, जिसके चलते उनका मिसकैरेज भी हुआ था। इस बारे में एक्ट्रेस ने खुद बताया था कि कैसे गर्भावस्था को प्रभावित किया और कैसे कई कोशिशों के बाद भी जब उनकी गोद नहीं भरी तो उन्होंने सरोगेसी का रास्ता चुना। ये एक काफी खतरनाक बीमारी है जो महिलाओं से मां बनने का सुख छीन लेती है। तो आइए World Antiphospholipid Antibody Syndrome के मौके पर आपको बताते हैं की आखिरी क्या है ये बीमारी और इसके लक्षण....
एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम क्या है
एंटी-फॉस्फोलिपिड एंटीबॉडी सिंड्रोम एक सिस्टेमिक ऑटाइम्यून डिजीज है, जिसमें हमारे शरीर में ऐसे एंटीबोडीज बनती हैं जो हेल्दी सेल्स पर हमला करती है और वेस्कुलर थ्रोम्बोसिस (ब्लड क्लॉट) के अवसर को बढ़ा देते हैं। इससे प्रेग्नेंसी की जटिलताओं विशेष रूप से रिकरंट प्रेग्नेंसी लॉस का कारण हो सकता है। ये हमलावर एंटीबॉडी धमनियों और नसों में रक्त के थक्के बना सकते हैं जो विनाशकारी स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य स्थितियों का कारण बन सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान, यह मिसकैरेज और मरे हुए बच्चे के जन्म का कारण भी बन सकता है।
क्या है इसके लक्षण
हालांकि इस स्थिति से जुड़े कोई स्पष्ट संकेत और लक्षण नहीं है, लेकिन कई स्वास्थय जटिलताएं शरीर में इस स्थिति की उपस्थिति का संकेत दे सकती हैं
1. पैरों में खून के थक्का जमना, सूजन और लालपन
2. स्ट्रोक
3.त्वचा पर लाल, लेसदार और जाल जैसे दाने
4.लो ब्लड प्लेटलेट काउंट
5. नाक और मसूढ़ों से खून निकलना
6.त्वचा में लाल धब्बों का आना
7. माइग्रेन जैसा पुराना सिरदर्द
8. दौरा पड़ना
क्या है एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम के कारण
ये सिंड्रोम होने की एक से ज्यादा वजहें हो सकती हैं। ये शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके कारणों का पता लगाने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि मरीज की मेडिकल हिस्ट्री क्या है। उसमें इस सिड्रोम की शुरुआत कैसे हुई जैसे उसे दौरे पड़े, पैरों में सूजन आई या बार-बार गर्भपात हुआ। ये बीमारी होने के संभावित कारण हैं-
1.कई लोगों को ऑटो इम्यून की दूसरी बीमारियां भी होती हैं। इन लोगों में एप्ला सिंड्रोम ज्यादा पाया जाता है।
2. गर्भनिरोधक दवाइयों से भी खून में थक्के जमने का खतरा हो सकता है।
3.इसके पीछे आनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं।
4. खराब लाइफस्टाइल के चलते भी इस सिंड्रोम का खतरा बढ़ता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बहुत हद तक इसका इलाज हो सकता है। ऐसे में खून को पतला करने के लिए दवाई दी जाती है। अगर पहले ही एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम होने का पता चल जाए तो इलाज के बाद महिलाएं सामान्य प्रसव से भी मां बन सकती हैं। हालांकि, ये बीमारी के स्तर और अन्य कॉम्पलिकेशन पर भी निर्भर करता है। किसी अन्य अंग में भी एप्ला सिंड्रोम होने पर उसे ठीक किया जा सकता है। एक्सर्पट्स के मुताबिक ये एक दुर्लभ बीमारी है और पूरी दुनियाभर में एक लाख लोगों में से 40 से 50 लोगों को होती है।