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मजाक उड़ाने वालों की Sakshi Malik ने नहीं की परवाह! कर चुकी हैं ओलंपिक पदम अपने नाम

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 09 Jun, 2023 01:38 PM
मजाक उड़ाने वालों की Sakshi Malik ने नहीं की परवाह! कर चुकी हैं ओलंपिक पदम अपने नाम

देश के पहलवान इन दिनों खूब सुर्खियों में है। वो लगातार भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। इन्हीं में से एक साक्षी मलिक कॉमनवेल्थ गेम के तीनों मेडल हासिल करने वाली और साथ में ओलंपिक पदम जीतने वाली पहली महिला है।  महज 15 साल की उम्र में कुश्ती शुरू करने वाली साक्षी मलिक के पहलवान बनने की पीछे एक खास वजह है और वो ये उन्हें पहलवानों की ड्रेस अच्छी लगी थी। सिर्फ  ड्रेस के लिए कुश्ती खेलने वाली साक्षी इतनी ऊंचाई तक पहुंचेंगी, यह कभी परिवार वालों ने भी नहीं सोचा था। आइए आज डालते हैं साक्षी के सफलता के सफर पर एक नजर...

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कौन है साक्षी मलिक

साक्षी एक मशूहर भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान है। उनका जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के मोखरा गांव के रोहतक जिले में हुआ था। उनके पिता सुखबीर मलिक दिल्ली ट्रांसपोर्ट में कंडक्टर का काम करते थे। वहीं मां सुदेश मलिक आंगनबाड़ी में काम किया करती थीं। हालांकि साक्षी को बचपन से ही पहलवानी करने का शौक था, क्योंकि उनके दादाजी बध्लू राम भी एक पहलवान थे। ऐसे में उन्होंने 15 साल की उम्र से ही ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया। लेकिन इस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जब साक्षी अखाड़े में कुश्ती किया करती थी तो लोग उन्हें देखकर कहते थे कि यह खेल लड़कियों का नहीं है। हालांकि, उनकी मां और पिता के सपोर्ट के चलते साक्षी ने आज इस मुकाम को हासिल किया।

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साक्षी मलिक की अब तक की उपलब्धियां

साक्षी मलिक ने भारतीय पहलवान के रूप में पहली सफलता 2010 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में हालिस की। जहां उन्होंने 58 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। 

2014 के डेव शुल्त्स इंटरनेशनल टूर्नामेंट में साक्षी मलिक ने 60 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।

2014 में ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान 58 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। वह फाइनल में नाइजीरिया की अमीनत अदेनियि से 4-0 के स्कोर से हार गई थी और सिल्वर से संतोष करना पड़ा था।

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साक्षी ने राष्ट्रमंडल खेल 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों के दौरान 62 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। हालांकि, गोल्ड नहीं मिल पाने से वो निराशा हुई, लेकिन कांस्य हासिल करने के लिए उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।

इसके अलावा उन्होंने 2015 दोहा चैंपियनशिप में 60 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। भारतीय पहलवान ने नई दिल्ली में आयोजित 2017 चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। इसके साथ ही 2018 बायशेक और 2019 शीआन चैंपियनशिप में दो और कांस्य पदक जीते।

भारत सरकार ने कुश्ती के खेल में साक्षी मलिके के योगदान के लिए 2-16 में  भारत में सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। बाद में 2017 में, उन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिला।

हाल ही में साक्षी मालिक ने कॉमनवेल्थ गेम 2022 के वूमेन 62 किग्रा वर्ग के फाइनल में कानडा की एना गोंडिनेज को हरा के गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
 

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