हिंदू धर्म में त्योहारों को बहुत महत्व दिया जाता है। कोई भी त्योहार या खास दिन बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है। खास दिन की अगर बात करें तो उसमें चतुर्थी भी काफी उत्साह से मनाई जाती है। खासकर चतुर्थी तिथि का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इसे तिलकुट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, माघी चौथ भी कहते हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत 10 जनवरी यानी कल रखा जाएगा। संकष्टी चतुर्थी में तिल का प्रयोग मुख्य तौर पर किया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं इस बार संकष्टी चतुर्थी पर कौन सा शुभ योग बन रहा है...
शुभ संयोग
हिंदू पंचागों के अनुसार इस बार संकष्टी चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग और आयुष्मान नाम के तीन योग बन रहे हैं। इसलिए यदि व्रत पूरे विधि-विधान से रखा जाए और कथा पढ़ी जाए तो पूरा लाभ मिलेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 10 जनवरी सुबह 7.15 पर शुरु होगा और सुबह के 9.01 तक रहेगा। प्रीति योग सूर्योदय के साथ ही शुरु हो जाए जो सुबह 11.30 तक रहेगा। वहीं आयुष्मान योग सुबह 11.20 से शुरु होकर पूरे दिन तक रहेगा।
संकष्टी चतुर्थी पर रहेगा भद्रा का साया
संकष्टी चतुर्थी पर भद्रा भी लगने वाला है। भद्रा का समय सुबह 7.15 से दोपहर 12.09 तक होगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। परंतु ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, दिन का दूसरा हिस्सा पूजा-पाठ और किसी भी उपाय के लिए अच्छा रहेगा।
चंद्रमा को दे अर्घ्य
संकष्टी चतुर्थी का व्रत तभी पूरा माना जाता है जब चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाए। इस बार 10 जनवरी को चंद्रोदय का समय रात 8.41 का है। ऐसे में आप पूरा दिन व्रत रखकर शाम को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें। चंद्रमा की पूजा करें, रोली और अक्षत चढ़ाएं। इसके बाद ही अपना व्रत खोलें। इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन गणेश भगवान की आरती और कथा पढ़ना न भऊलें। इससे आप पर भगवान गणेश की कृपा रहेगी। गणेश भगवान की कृपा से आपको जीवन में अपार सफलता मिलेगी और जीवन के संकट भी दूर होंगे।