नारी डेस्क : दिल्ली में प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और आस-पास के इलाकों में फैल रहा है, जिससे लोगों के लिए जीना मुश्किल हो गया है। सांस लेने में दिक्कतें बढ़ गई हैं और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। इसी कड़ी में, 21 नवंबर 2025 को सुबह 11 बजे रोहतक, हरियाणा दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया, जहां AQI 631 दर्ज किया गया। नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में शामिल हैं। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि PM 2.5 जैसे सूक्ष्म कण सांस, हृदय और अन्य अंगों के लिए खतरनाक हैं। बता दें की उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अन्य शहर जैसे नागली बहरामपुर, नई दिल्ली, गाज़ियाबाद, हापुड़, भिवानी, बागपत और बुलंदशहर में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई है।
अन्य प्रमुख शहरों की AQI स्थिति इस प्रकार है
नागली बहरामपुर: 575
नई दिल्ली: 549
गाज़ियाबाद: 548
हापुड़: 542
भिवानी: 541
बागपत: 537
बुलंदशहर: 537
रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?
IQAir की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2024 में PM 2.5 कणों की सांद्रता में 7% की कमी आई है। साल 2023 में यह औसत 54.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो 2024 में घटकर 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया। लेकिन इसके बावजूद, दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 भारत के शहर हैं।
भारत के 13 सबसे प्रदूषित शहर
खुरजा: 532
सियाहर: 531
गुरुग्राम: 530
सीवानी: 525
दरियापुर: 505
अलीगढ़: 493
फरीदाबाद: 486
सोनीपत: 481
प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण से लोगों के जीवन पर गंभीर असर पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण औसतन 5.2 साल जीवन की कमी आ रही है।
लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ अध्ययन के मुताबिक, 2009 से 2019 तक हर साल लगभग 15 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण मौत के शिकार हुए।
PM 2.5 क्या है?
PM 2.5 वे सूक्ष्म कण हैं जिनका आकार 2.5 माइक्रोन से भी छोटा होता है। ये कण फेफड़ों और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं। इसके कारण सांस लेने में दिक्कत, हृदय रोग, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ये कण मुख्यतः उत्पन्न होते हैं
वाहन के धुएं से
इंडस्ट्रियल उत्सर्जन से
लकड़ी या फसल के कचरे जलाने से
प्रदूषण से बचने के उपाय
घर से निकसते वक्त मास्क पहनें
बाहर निकलते समय N95 या PM 2.5 फिल्टर वाले मास्क पहनें।
खासकर उन इलाकों में जहां धुंध या धुआं ज्यादा हो।
घर के अंदर वायु को साफ रखें
एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
खिड़कियां बंद रखें जब बाहर का AQI ज्यादा खराब हो।
घर में पौधे लगाएं जो हवा को साफ करने में मदद करें।
बाहर की गतिविधियों को सीमित करें
जब AQI बहुत खराब हो, तो सुबह और शाम की वर्कआउट या दौड़ को टालें।
बच्चों, बुजुर्ग और मरीजों को बाहर कम निकालें।
पौष्टिक भोजन और पर्याप्त पानी लें
विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
पर्याप्त पानी पीने से शरीर में टॉक्सिन्स कम होते हैं।
वाहनों का कम इस्तेमाल करें
पब्लिक ट्रांसपोर्ट या कैब शेयरिंग का इस्तेमाल करें।
बाइक और कार का कम उपयोग करें ताकि प्रदूषण फैलने से रोका जा सके।
स्वास्थ्य पर ध्यान दें
खांसी, सांस की तकलीफ या थकान महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
एलर्जी और अस्थमा वाले लोग अपनी दवा नियमित लें।