प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस दौरान महिला के शरीर में एक नन्हीं सी जान पल रही होती है और ये ही वजह कि इन 9 महीनों में महिलाओं को अलग- अलग तरह के अनुभव होते हैं। जो महिलाएं पहली बार इस अनुभव से गुजर रही होती हैं, वो समझ नहीं पाती है कि उनके साथ जो हो रहा है वो नॉर्मल है या नहीं। कई बार प्रेग्रेंनट महिला की दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो ये नॉर्मल नहीं है। इसे नजरअंदाज करना मां और बच्चे दोनों को खतरनाक हो सकता है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंट महिलाओं की हार्ट रेट 25% तक बढ़ सकती हैं। इस बढ़ी हुई हार्ट बीट को एपीसोडिक हार्टबीट कहते हैं।
क्यों बढ़ती है प्रेग्नेंसी में हार्टबीट
गर्भ में पल रहे बच्चे को सही मात्रा में खाना, ऑक्सीजन और पोषण देने के लिए दिल को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और इससे ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है और हार्ट बीट बढ़ जाती है। इसके अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
प्रेग्नेंसी में ब्लड सर्कुलेशन तेज होने के कारण
- यूट्रस या गर्भाश्य के आकार का बदलाव होना।
- ब्रेस्ट ग्लैंड सक्रिय होना और ब्रेस्ट के आकार में बदलाव।
- स्मोकिंग करने की आदत।
- अल्कोहल का सेवन।
- एक्सरसाइज करने के नुकसान।
- चाय- कॉफी और अन्य कैफीन वाली चीजों का ज्यादा सेवन।
बढ़ती दिल की धड़कनों के ये होते हैं लक्षण
- सांस लेने से जुड़ी समस्याएं होना।
- चक्कर आना।
- बेहोश हो जाना।
इन उपायों से कम करें दिल की धड़कने
- तनाव से बचें और मेडिटेशन करें।
- 8 घंटे की नींद लें और जितना हो सके आराम करें।
- ज्यादा मात्रा में पानी पीएं।
- योग करें।
नोट- बढ़ती दिल की धड़कनों के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।