ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 की आयु में 8 सिंतबर, 2022 को निधन हो गया। रानी ने दुनियाभर में अपनी निराली छवि बनाई थी। लोग उन्हें दयालु दिल वाली रानी भी कहते थे। क्वीन ड्यूक और डचेस ऑफ यॉर्क की बड़ी बेटी थी जो बाद में इंग्लैंड के किंग जॉर्ज VI और क्वीन एलिजाबेथ बने थे। इसी के साथ रानी को उनके फैशन स्टेटमेंट्स के लिए भी जाना जाता रहा और रहेगा। चमकीले-न्यॉन कलरफुल आउटफिट्स और डिजाइनर हैट्स उनकी छवि को सबसे अलग दिखाते थे।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्वीन ड्रैसेज में ब्राइट कलर ही क्यों चूज करती रही थी जबकि शाही लोग अपने नाखूनों पर डार्क बोल्ड कलर की नेलपेंट्स नहीं लगा सकते लेकिन महारानी की वार्डरोब में ड्रैसेज के सारे रंग न्यॉन और डिफरेंट ब्राइट टॉन में थे। दशकों से ही वह आंखों को आकर्षित करने वाले इन शेड्स जैसे फ्यूशिया, लेमन ग्रीन, येलो और रॉयल ब्लू को ही कैरी करती आई थी।
क्या इतने चटक-भड़कीले रंग पहनने के पीछे रानी एलिजाबेथ-II की कोई रणनीति थी?
दरअसल, उनके इस फैशन स्टेटमेंट के पीछे का कारण उनकी पसंद ही थी। चमकीले रंग, रानी को हजारों की भीड़ में अलग दिखाते थे और वह ब्राइट कलर इसीलिए ही पहनी थी कि उनके अनुयायी उन्हें भीड़ में भी आसानी से देख सकें हालांकि इससे पहले वह लाइट कलर का चुनाव भी करती रही लेकिन साल 1970 के दशक तक उन्होंने चमकीले रंग पहनने शुरू कर दिए थे। रॉयल एक्सपर्ट डेजी मैकएंड्रयू के अनुसार, वह हाइट में औसतन-कद काठी की थी इसलिए भीड़ में कभी कभी उन्हें पहचानना काफी मुश्किल होता था इसलिए कुछ सालों पहले ही उन्होंने यह फैसला किया कि वह ब्राइट्स कलर चूज करेंगी ताकि लोग उन्होंने आसानी से भीड़ में पहचान सकें इसलिए उन्होंने फेस्टिव, पब्लिक अपेयरेंस के दौरान ब्राइट्स कलर्स ही चूज किए। इसी के साथ रानी का एक फेमस आदर्श वाक्य था कि आपको विश्वास करने के लिए देखा जाना चाहिए और इसी को उन्होंने अपनी आइकॉनिक लुक पर लागू किया था।
वहीं दूसरे शब्दों में उन्होंने यह भी कहा था कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत पसंद है ... वह ब्राइड कलर, मैचिंग हैट्स और छाते पसंद करती है।"
क्वीन के छोटे बेटे प्रिंस एडवर्ड की पत्नी, सोफी वेसेक्स की काउंटेस ने डॉक्यूमेंट्री में कहा था, 'रानी जहां भी जाती हैं वहां भीड़ का होना स्वभाविक है इसलिए खुद को इस तरह दिखाने की जरूरत थी ताकि भीड़ में भी लोग यह कहने में सक्षम हो कि उन्होंने रानी को देखा।'
न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट के क्यूरेटर कैरोलिन डी गुइटॉट ने भी यहीं कहा कि रानी इस बात को लेकर हमेशा अवेयर रही कि उन्हे भीड़ में अलग ही दिखना है इसलिए क्वीन का वार्डरोब इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्वीन एलिजाबेथ II पर्स में क्या कैरी करती थीं?
रानी खुद को एक्सेसरीज करना बखूबी जानती थीं। वह अपने समुदाय और छवि को लेकर काफी केयरिंग थी। शाही परिवार के लेखक सैली बेडेल स्मिथ के अनुसार, उनके पास रोजमर्रा की वो सारी चीजें पर्स में उपलब्ध होती थी जो एक नियमित महिला कैरी करती है। जैसे आईना, लिपस्टिक, मिंट और उनके पढ़ने का चश्मा और शायद डॉग्स ट्रीट्स भी कई बार उनके पर्स में शामिल होती थी।
क्वीन को पसंद थे ट्रांसपेरेंट छाते
क्वीन की सीनियर ड्रेसर, एंजेला केली ने साल 1994 से शाही परिवार के लिए काम किया था। केली ने "द अदर साइड ऑफ द कॉइन: द क्वीन, द ड्रेसर एंड द वार्डरोब" के दौरान बताया था कि क्वीन के पास मैचिंग ड्रैसेज, हैट्स के साथ मैचिंग छातों की भी अच्छी कलैक्शन थी। जब भी इंग्लैंड में बारिश होने की संभावना होती थी तो अक्सर ट्रांसपेरेट मैचिंग छाता लिए ही वह नजर आती थी। पारदर्शी छाता कैरी करने के पीछे का उनका उद्देश्य भी यहीं रहा कि वह ब्रिटिश जनता उन्हें भीड़ में देखने में सक्षम हो।
बता दें कि उनके स्टाइलिश छाते ब्रिटेन के एक अम्ब्रेला ब्रांड, फुल्टन द्वारा बनाए जाते थे। क्वीन एलिजाबेथ स्टाइलिश हैंडबैग भी जरूर कैरी करती थी, उनके पास 200 से ज्यादा स्टाइलिश हैंडबैग्स थे जो यू.के. बेस्ड लग्जरी ब्रांड लॉन्र (Launer) के थे। सन 1977 में अपनी सिल्वर जुबली के दौरान, एलिजाबेथ ने मैचिंग जैकेट और हेट वाली फ्लोइंग पिंक ड्रैस पहनी थीं।
1980 के दशक में चीन की महान दीवार की यात्रा के दौरान क्वीन पर्पल कलर की टेलर्ड स्कर्ट सूट में नजर आई थीं। 1990 के दशक की शुरुआत में, आइसलैंड की राजधानी रेकजाविक की राजकीय यात्रा पर उन्होंने ब्राइड ग्रीन कलर चुना। साल 2012 में वॉग के विशलेषण से पता चला कि रानी ने उस साल सबसे ज्यादा नीला रंग पहना हालांकि मैक एंड्रयू ने साल की शुरुआत में कहा था कि उनका मानना है अब पिंक और रैड शाही में हैं।