27 APRSATURDAY2024 9:59:44 AM
Nari

अपनी नातिन से मिलने के लिए तड़फ रही है प्रियंका की मां, बच्चों के लिए नानी का प्यार भी है जरुरी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 01 Apr, 2022 12:54 PM
अपनी नातिन से मिलने के लिए तड़फ रही है प्रियंका की मां, बच्चों के लिए नानी का प्यार भी है जरुरी

प्रियंका चोपड़ा इन दिनों अपनी बेटी की परवरिश में व्यस्त है। सरोगेसी के जरिए मां बनी प्रियंका इस नन्हे मेहमान के घर आने से बेहद खुश है लेकिन एक बात का गम उन्हे यह है कि उनकी मां यानी कि मधु चोपड़ा अभी तक अपनी नातिन को गोद में नहीं उठा पाई हैं। सात समंदर दूर बैठीं मधु चोपड़ा भी इस इंतजार में है कि कब वह  नन्ही परी को देखेगी। मधु चोपड़ा ने एक लाइव सेशन में बताया कि वो अपनी नातिन से मिलने के लिए बेताब हैं लेकिन बच्चे के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और कोराेना के चलते वो लॉस एंजिल्स में प्रियंका और उनकी बेटी से मिलने नहीं जा सकी हैं। 

PunjabKesari

बच्ची के बारे में सोचती रहती हैं प्रियंका की मां

जब उनसे सवाल किया गया कि- प्रियंका अपना ये फेज कैसे एंजॉय कर रही हैं तो उन्होंने कहा- वो अपने परिवार में नए जुड़ाव से खुश है। प्रियंका की मां ने कहा- मैंने अपनी नातिन को नहीं देखा है  शायद मैं जल्द ही वहां जाऊंगी और उससे मिलूंगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि- वो काफी समय से नानी बनने का इंतजार कर रही थीं। वो एक पल के लिए भी बच्ची के बारे में सोचना बंद नहीं कर सकतीं।

PunjabKesari
नानी बनकर बहुत खुश है मधु चोपड़ा 

वह कहती हैं कि नानी बनना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है! मैं आपको बता नहीं सकती कि उसके लिए मेरा दिल कैसे धड़कता है। मधु चोपड़ा ने कहा- मैंने हमेशा से इस पल का इंतजार किया था। जब ये हो चुका है तो मैं अपनी खुशी छुपा नहीं सकती। उन्होंने कहा कि अब मुझे प्रियंका और अपने बेटे की याद नहीं आती। मुझे बस नन्ही सी बच्ची का ही ख्याल रहता है।

PunjabKesari
बच्चों के लिए इसलिए जरुरी हैं ग्रैंडपेरेंट्स 

प्रियंका की बेटी ही नहीं हर  बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए ग्रैंडपेरेंट्स का साथ होना बहुत जरूरी है। क्योंकि ये न सिर्फ बच्चों को बड़ा करने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें सुरक्षित माहौल देने के साथ खुशी का भी ख्याल रखते हैं।  ग्रैंडपेरेंट्स के साथ्  रहने पर बच्चे छोटी उम्र से ही मंत्र, श्लोक आदि से परिचित रहते हैं। नाना- नानी हो या दादा- दादी वे बच्चों के साथ बातें करने में, खेलने में, शाम को पार्क में घूमने में आदि में साथ निभाते हैं ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों का रिश्ता और गहरा होता है।

Related News