प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों खासकर युवाओं का आह्वान किया कि भारत को 2047 में विकसित भारत के निर्माण के लिए शुचिता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के सिद्धांतों पर काम करें और कहा कि वह भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण की बुराइयों को दूर करने के लिए जुटे रहेंगे। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा- मेरे देश की बेटियां बेटों से ज्यादा साइंस, इंजीनियरिंग, मैथ्स में भाग ले रही हैं।
पीएम ने कहा- वर्ष 2047 में जब देश आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा तब दुनिया में भारत का ध्वज विकसित भारत का तिरंगा फहराएंगे। हमारे संकल्प में रत्ती भर भी कमी नहीं आएगी। जो देश सोने की चिड़यिा था, वह 2047 में देश की आज़ादी के शताब्दी वर्ष में फिर से उसी वैभव से खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में 30 साल से कम आयु के सबसे अधिक लोग भारत में हैं।वह भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण की बुराई से लड़ते रहेंगे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने मणिपुर में पिछले कुछ से जारी हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ है। उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है और शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। लाल किले की प्राचीर से मोदी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में और हिंदुस्तान के भी कुछ अन्य भागों में... लेकिन विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला...। कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ।''
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वहां से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश मणिपुर के लोगों के साथ है। मणिपुर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को बनाएं रखें।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा।'' उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र की सरकारें मिलकर वहां समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी।
प्रधानमंत्री ने अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में अपनी सरकार के नौ साल के कामकाज का उल्लेख किया और कहा कि देश आज हमारी माताओं-बहनों के सामर्थ्य से आगे बढ़ा है। आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है तो हमारे किसान भाई-बहनों का पुरुषार्थ है, यह उनका ही परिश्रम है कि देश आज कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।