नारी डेस्क: लोग सालों से नई- नई खबरें जानने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते रहे हैं। आप ये बात जानकर हैरान होंगे कि अब लोग पारंपरिक पत्रकारों पर नहीं बल्कि Influencers पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग पांच में से एक अमेरिकी - और रिपब्लिकन डिजिटल प्रभावशाली लोगों से समाचार प्राप्त करता है। सोशल मीडिया पर पॉपुलर हो चुके लोगों को Influencers कहा जाता है।
10,000 लोगों पर की गई रिसर्च
10,000 से अधिक अमेरिकी वयस्कों के सर्वेक्षण और प्रभावशाली लोगों के सोशल मीडिया पोस्ट के विश्लेषण से निकाले गए निष्कर्ष इस बात का संकेत देते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान अमेरिकियों ने समाचारों का किस तरह से उपभोग किया। अध्ययन में ऐसे लोगों द्वारा चलाए जा रहे खातों की जांच की गई जो नियमित रूप से वर्तमान घटनाओं के बारे में पोस्ट करते हैं और बात करते हैं - जिसमें पॉडकास्ट और न्यूज़लेटर्स भी शामिल हैं - और जिनके फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स या टिकटॉक पर 100,000 से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं।
बिना समझ के ही लोगों को ज्ञान बांट रहे Influencers
रिपोर्ट में पाया गया कि समाचार प्रभावित करने वाले ज़्यादातर राजनीति और चुनाव के बारे में पोस्ट करते हैं, उसके बाद नस्ल और गर्भपात जैसे सामाजिक मुद्दे और इज़राइल-हमास युद्ध जैसी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के बारे में पोस्ट करते हैं। उनमें से ज़्यादातर - 63% - पुरुष हैं और बहुसंख्यक - 77% - का किसी मीडिया संगठन से कोई जुड़ाव या पृष्ठभूमि नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से आधों के पास तो राजनीति की कुछ ज्यादा समझ भी नहीं है।
इन्फ़्लुएंसर ने किया भ्रमित
रिपोर्ट में कहा गया कि 85% न्यूज़ इन्फ़्लुएंसर X पर मौजूद हैं। रिपोर्ट के अनुसार, नस्लीय अल्पसंख्यक, युवा वयस्क और कम आय वाले वयस्कों को न्यूज़ इन्फ़्लुएंसर से अपनी ख़बरें मिलने की ज़्यादा संभावना थी। प्यू द्वारा सर्वेक्षण किए गए ज़्यादातर लोगों ने कहा कि न्यूज़ इन्फ़्लुएंसर ने उन्हें मौजूदा घटनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है, जबकि लगभग एक चौथाई लोगों का कहना है कि उन्होंने जो सुना है, उससे ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ा है। हालांकि कुछ का कहना है कि इन्फ़्लुएंसर ने उन्हें और ज़्यादा भ्रमित किया है।