वर्किंग माता-पिता अपने बच्चों पर ज्यादा समय नहीं दे पाते। जिसके कारण बच्चे गुस्सैल और चिड़चिड़े स्वभाव के होने लग जाते हैं। बच्चों की देखभाल के लिए माता-पिता को केयर टेकर की जरुरत भी पड़ती है। अधिकतर मामलों में यह चीज देखी जाती है कि वर्किंग पेरेंट्स के बच्चे मानसिक परेशानियों से भी जूझते हैं। पैरेंट्स का बच्चे को पर्याप्त समय न दे पाना उनकी मानसिक परेशानियों का कारण भी बन सकता है। ऐसे बच्चे मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कुछ ऐसे लक्षण जो बच्चों की मानसिक परेशानी का कारण बन सकते हैं...
छोटी-छोटी बात पर रोना
यदि आपके बच्चे किसी मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं तो वह छोटी-छोटी बात पर रोना शुरु कर सकते हैं। बच्चे पेरेंट्स का ध्यान पाने के लिए रोने लगते हैं। ऐसे में वह अकेला महसूस करते हैं। इसलिए यदि आपका बच्चा भी बात-बात पर रोए तो आप उसकी समस्याओं पर भी ध्यान दें।
नींद न आ पाना
अगर आपका बच्चा सोते समय डर जाता है या बार-बार करवट ले रहा है तो यह भी मानसिक तनाव का कारण हो सकता है। मानसिक तनाव के कारण बच्चे अच्छी और गहरी नींद नहीं ले पाते। नींद में बच्चे बड़बड़ाना भी शुरु कर देते हैं। कई बार बच्चे बिस्तर भी गीला कर सकते हैं।
अपने आप से बात करना
कामकाजी माता-पिता के बच्चे डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं। जब माता-पिता बच्चे को पर्याप्त समय न दे पाएं तो वह अपने आप से बातें करना शुरु कर देता है। यह कारण बच्चे के डिप्रेशन का भी हो सकता है।
खाना-पीने की आदतों में बदलाव
बच्चे यदि कोई मानसिक समस्या से ग्रस्त हो तो उनके खाने की आदत में भी बदलाव आ सकता है। बच्चे कई बार ज्यादा खाना शुरु कर सकते हैं। इसके अलावा भी बच्चे कई बार ज्यादा खाना-खाना शुरु कर सकते हैं।