बढ़ते बच्चों को संभालना कोई आसान काम नहीं और जब ये बच्चे जिद्दी हो जाएं तो उन्हें संभालना पेरैंट्स के लिए चुनौती बन जाती है। बच्चे खाने-पीने, पढ़ने-लिखने से लेकर नहाने और सोने हर समय जिद करते हैं। अपनी हर सही और गलत बात मनवाने के लिए अड़ जाते हैं। उन्हें समझाना और संभालना काफी मुश्किल हो जाता है, जिसका असर उनकी परवरिश पर पड़ता है। एक अध्ययन के मुताबिक कई बार मां-बाप सोचते हैं बच्चा छोटा है इसलिए जिद कर रहा है। वे इस बात को हल्के में लेते हैं। लेकिन अगर उन्हें सही समय पर सही चीज नहीं बताई गई तो ये गलतियां उन पर भारी पड़ सकती हैं, जिसका खामियाजा बच्चे को बड़े होकर भुगतना पड़ सकता है। आइए जानते हैं जिद्दी बच्चों की देखभाल कैसे की जाए—
पेरैंट्स करें ये काम
बुरे व्यवहार पर न दें प्रतिक्रिया
जब भी आपका बच्चा किसी बात पर जिद करे या फिर बुरा बर्ताव करे तो उस पर प्रतिक्रिया न दें। अगर आप कुछ बोलते हैं या फिर उसी समय उसे समझाते हैं तो बच्चा और जिद करने लगता है। बेहतर है ऐसे समय पेरैंटस चुप रहें और बच्चों को वॉच करते रहें।
बच्चे की हर बात सुनें
अपने जिद्दी बच्चे को ठीक करने के लिए जरूरी है कि आप उनकी सारी बातें ध्यान से सुनें। अगर आप ऐसे नहीं करेंगे तो वो आपसे बहस करने लगेगा। इस दौरान वह और जिद्दी हो जाएगा। बच्चा आपकी हर बात सुने इसलिए जरूरी है कि आपको भी उसकी बात सुननी होगी।
प्यार से समझाएं
किसी भी बात या काम को लेकर बच्चे के साथ जबर्दस्ती न करें। ऐसा करने से वह विद्रोही स्वभाव का होता चला जाएगा। इसलिए बच्चे से जबरन कुछ करवाने की जगह उसे प्यार से समझाएं। अगर किसी काम को करने से वह मना कर दे तो उस काम को करने का दबाव न बनाएं। उस समय भले ही आपके डर से बच्चा वो काम कर दे, लेकिन उसके अंदर विद्रोहीपन जन्म ले सकता है जो आगे चलकर खतरनाक हो सकता है।
तारीफ करें
बच्चे के अच्छे काम पर हमेशा तारीफ करें। ऐसा करने से बच्चों के अंदर उस काम को करने की लालसा और बढ़ती है।
न करें ये काम
-किसी काम को लेकर दबाब न डालें।
-गलती हो जाने पर ज्यादा न डांटे।
-दूसरों के सामने बच्चे की बुराई न करें।
-बच्चा जिद कर रहा है तो उससे बहस न करें।
-बच्चे के सामने घर के लड़ाई-झगड़े न लाएं।