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नीदरलैंड्स की अनोखी पेरासिटामोल आइसक्रीम का राज, जानें पूरी कहानी!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 20 Nov, 2024 10:35 AM
नीदरलैंड्स की अनोखी पेरासिटामोल आइसक्रीम का राज, जानें पूरी कहानी!

नारी डेस्क: पेरासिटामोल बुखार और बदन दर्द में राहत के लिए सबसे आसान दवा मानी जाती है। लेकिन सोचिए, अगर दवा गोली के बजाय आइसक्रीम के एक स्कूप के रूप में मिले तो? सुनने में मजेदार लगता है, है ना? हाल ही में पेरासिटामोल से बनी एक आइसक्रीम की चर्चा ने इंटरनेट पर काफी सुर्खियां बटोरीं। लेकिन क्या वाकई ऐसा कोई आइसक्रीम बनाई गई थी?

आइए जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई

आइसक्रीम का असली किस्सा

साल 2016 में, नीदरलैंड्स के नागेलकेर्के नाम की एक जगह पर, मैडी नाम की एक पेस्ट्री शेफ ने पेरासिटामोल के स्वाद वाली आइसक्रीम बनाई। यह आइसक्रीम किसी बीमारी का इलाज करने के लिए नहीं, बल्कि वहां के एक कार्निवल में कुछ अनोखा और ध्यान खींचने वाला पेश करने के लिए बनाई गई थी। इस विचार के पीछे मकसद सिर्फ लोगों का मनोरंजन करना और इस अनोखे स्वाद की चर्चा कराना था।

हालांकि, इस आइसक्रीम को खाने की अनुमति कभी नहीं दी गई। यह सिर्फ प्रदर्शनी का हिस्सा थी और इसे न तो आम जनता के लिए पेश किया गया और न ही किसी को चखने दिया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे लेकर तुरंत आपत्ति जताई, क्योंकि पेरासिटामोल जैसी दवा की खपत को लेकर सख्त नियम होते हैं। इन चिंताओं के चलते, इस आइसक्रीम को कार्निवल में प्रदर्शन से भी हटा दिया गया। इसके बाद इसे कभी दोबारा नहीं बनाया गया।

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अफवाहें और गलतफहमियां

इस अनोखी आइसक्रीम को लेकर समय के साथ कई तरह की कहानियां फैलने लगीं। कुछ लोगों ने दावा किया कि यह आइसक्रीम हैंगओवर यानी शराब पीने के बाद की हालत सुधारने के लिए बनाई गई थी। वहीं, कुछ लोगों ने इसे नीदरलैंड्स की ओर से एक मजाक, यानी अप्रैल फूल प्रैंक बताया।

इंटरनेट पर फैली इन कहानियों ने इसे और भी रहस्यमय बना दिया। लेकिन हकीकत में, इस तरह के दावों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण कभी नहीं मिला। दरअसल, पेरासिटामोल जैसी दवा को बिना सही मात्रा और निगरानी के इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है। इस कारण से, इसे व्यावसायिक रूप से बेचना तो दूर, कार्निवल के प्रदर्शन से भी हटा दिया गया था।

सच्चाई

सच्चाई यह है कि पेरासिटामोल आइसक्रीम का विचार जरूर अनोखा था, लेकिन इसे सिर्फ एक बार के लिए, एक सीमित उद्देश्य से बनाया गया था। इसे न तो दवा के रूप में विकसित किया गया था और न ही इसे कभी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया। यह सिर्फ एक मजेदार और ध्यान आकर्षित करने वाला प्रयोग था। कड़े नियमों और स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं के कारण यह आइसक्रीम आम लोगों तक नहीं पहुंच पाई। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह आइसक्रीम सिर्फ एक शोपीस थी, जिसे लोगों ने देखा और चर्चा की, लेकिन कभी इसका स्वाद नहीं लिया।

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अगर आप सोच रहे थे कि इस आइसक्रीम को चखने का मौका मिलेगा, तो आपको निराशा हो सकती है। लेकिन नीदरलैंड्स का सफर कई और चीजों के लिए रोमांचक हो सकता है। वहां की पारंपरिक आइसक्रीम और डच डेसर्ट्स का लुत्फ जरूर उठाएं!

पेरासिटामोल आइसक्रीम एक अनोखा और रचनात्मक विचार था, लेकिन इसे केवल एक इवेंट के लिए प्रदर्शित किया गया था। अगर आप इस आइसक्रीम का स्वाद चखने की उम्मीद कर रहे थे, तो आपको नीदरलैंड्स की पारंपरिक आइसक्रीम के स्वाद से संतोष करना पड़ेगा!

 

 


 

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