जहां एक तरफ कोरोना वायरस से पूरा देश जंग लड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ फ्रंटलाइन वर्कर्स दिन रात लोगों को बचाने में जुटे हुए है। फिर चाहे वो डॉक्टर हो, सड़कों पर पहरा दे रहे पुलिसकर्मी हो या फिर मीडिया हो। इस संकट के समय में पत्रकारों ने देश के लोगों तक हर जरूरी जानकारी पहुंचाई है। अपनी जान की परवाह किए बिना पत्रकार रिपर्टिंग कर जानकारी मुहैया करवाते हैं। पत्रकारों के इस काम को देखते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक ऐलान किया है।
ओडिशा देश का ऐसा पहला राज्य
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने उनके राज्य में तमाम पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा दिए जाने का ऐलान किया है। सीएम द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि ओडिशा के पत्रकार फ्रंटलाइन वॉरियर हैं। कोरोना काल में उन्होंने बेहतरीन तरीके से काम किया है। लोगों तक हर जरूरी जानकारी पहुंचाई है, उन्हें इस बीमारी के संबंधी जागरूक किया है। बता दें ओडिशा देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने पत्रकारों को फ्रंटलाइन वॉरियर घोषित किया है।
पत्रकारों को कई तरह की सुविधा
ओडिशा में पत्रकारों को कई तरह की सुविधा उपलब्ध है। राज्य के 6,994 पत्रकारों को 2 लाख का स्वास्थ्य बीमा और कोरोना काल में जिन पत्रकारों का काम करते हुए निधन हुआ है उन्हें 15 लाख रुपये की मदद भी सरकार की तरफ से दी गई है। बता दें राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के कारण 11 पत्रकारों की मौत हो चुकी है।
बता दें कि ओडिशा में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 14 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। इस दौरान कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। सिर्फ जरूरी सेवाओं की ही छूट मिली है।