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आंखों में आ रहा धुंधलापन तो हो जाइए सतर्क क्योंकि कोरोना अब...

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Oct, 2020 01:42 PM
आंखों में आ रहा धुंधलापन तो हो जाइए सतर्क क्योंकि कोरोना अब...

कोरोना वायरस मरीजों के फेफड़ों पर अटैक करता है, जिसका वजह से जान जाने का जोखिम बढ़ जाता है। यह वायरस इतना खतरनाक है कि इसकी वजह से शरीर के अन्य अंदरूनी अंग, मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान हो रहा है। वहीं, हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीजों को धुंधलेपन की समस्या हो सकती है।

कोविड मरीजों को हो रही धुंधलेपन की समस्या

एक्सपर्ट के मुताबिक, कोरोना सबसे ज्यादा फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है लेकिन कुछ केस में मरीजों के नर्वस सिस्टम पर भी असर पड़ा। इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी या क्लॉटिंग की समस्या हो जाती है, जिससे मिर्गी के दौरे, पैरालिसिस याददाश्त की कमी हो सकती है। यही नहीं, इसके अलावा आंख में कंजक्टिवाइटिस, झिल्ली में धुंधलापन, सुनने में परेशानी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।

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चीन में महिला की आंख में मिला कोरोना वायरस

चीन में 64 साल की बुजुर्ग महिला की आंखों में कोरोना वायरस मिला है, वो भी कोविड से ठीक होने के 2 महीने बाद। खबरों के मुताबिक, लगातार 5 दिन तक सूखी खांसी, डायरिया, बुखार जैसे लक्षण दिखने के कारण महिला को हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। जांच के बाद महिला कोरोना पॉजिटिव निकली, जिसके बाद उनका ट्रीटमेंट शुरू हुआ। 19 दिन बाद महिला की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया लेकिन कुछ देर बाद उसे आंखों में दर्द, जलन, धुंधलापन होने लगा। जब वो चेकअप के लिए हॉस्पिटल गई तो उसकी आंखों में वायरस पाया गया। पहले दवाओं के जरिए दर्द को कंट्रोल करने की कोशिश की गई लेकिन जब इसकी असर नहीं दिखा तो महिला की सर्जरी की गई।

आंखों से कोरोना का खतरा

वहीं, पिछले कुछ शोध के मुताबिक, आंखों में मौजूद एस-2 रिसेप्टर के जरिए कोरोना वायरस के ड्राप्लेट्स शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इससे आंखें लाल होना, सूजन जैसी समस्याएं भी हो सकती है। चौंकाने वाली बात यह है कि वायरस आंखों में मौजूद आंसू के जरिए भी फैल सकता है।

हाईबीपी और डायबिटीज मरीजों को अधिक खतरा

शोध के मुताबिक, आंखों में धुंधलापन या कंजक्टिवाइटिस का अधिक खतरा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और धूम्रपान करने वाले मरीजों को होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें एसीई-2 रिसेप्टर अधिक पैदा होता है, जो इसकी वजह बन सकता है।

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क्या वायरस रीढ़ ही हड्डी पर भी असर डालता है?

इसके अलावा शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइनल कॉर्ड पर भी असर डालती है, जो ब्रेन से जुड़ी हुई रहती है। इसलिए जब वायरस गंभीर रूप से अटैक करता है तो स्पाइनल कॉर्ड पर भी असर पड़ सकता है।

कैसे रखें बचाव?

. आंखों की साफ-सफाई के साथ बचाव के लिए चश्मे या शील्ड पहन सकते हैं।
. अपना कपड़ा, तौलिया या रूमाल कभी भी किसी के साथ शेयर ना करें।
. बार-बार आंखों को ना छूएं, खासकर किसी से कोई सामान लेने या किसी चीज को छूने के बाद।
. दिन में कम से कम 2-3 बार फेसवॉश करें और आंखों पर पानी के छिंटे मारते रहें।

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