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कारोबार में तरक्की दिलाएगा पीला स्वास्तिक, जानिए हर रंग का महत्व

  • Edited By neetu,
  • Updated: 30 May, 2021 03:17 PM
कारोबार में तरक्की दिलाएगा पीला स्वास्तिक, जानिए हर रंग का महत्व

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इसके साथ ही हर शुभ कार्य में प्रथम पूजनीय गणेश जी का प्रतीक स्वास्तिक चिंह्न बनाया जाता है। बता दें, इस शुभ चिंह्न को जैन और बौद्ध धर्म में भी महत्वपूर्ण माना गया है। इसका अर्थ सु यानी शुभ और अस्ति यानी होना है। ऐसे में इसका अर्थ है 'शुभ होना'। वहीं स्वास्तिक को चार रेखाओं से बनाया जाता है। ऐसे में इन रेखाओं को लेकर अलग-अलग अवधारणाएं प्रचलित है। कई लोग इन रेखाओं को पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण चारों दिशाओं का प्रतीक मानते हैं। वहीं कई लोग इसे चारों वेदों के प्रतीक कहते हैं। इसके अलावा कइयों का मानना है कि ये रेखाएं भगवान ब्रह्मा के चार सिरों को दर्शाती है। वहीं स्वास्तिक को अलग-अलग रंगों से बनाने की भी विशेष महत्व है। तो चलिए आज हम आपको स्वातिक बनाने के महत्व के बारे में बताते हैं...

कारोबार में तरक्की व सफलता दिलाएगा पीले रंग का स्वास्तिक

- जिन लोगों को कारोबार में घाटे का सामना करना पड़ रहा है उन्हें कार्यक्षेत्र व घर के ईशान कोण में लगातार 7 गुरूवार तक सूखी हल्दी से स्वास्तिक बनना चाहिए। 

- वहीं जिन लोगों को बार-बार असफलता का सामना कर पड़ रहा हो उन्हें घर के उत्तर दिशा में सूखी हल्दी से स्वास्तिक बनाना चाहिए। 

बुरी नजर से बचाएगा काले रंग का स्वास्तिक 

घर के मुख्य द्वार पर कोयले से काले रंग का स्वास्तिक बनाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है। ऐसे में बुरी नजर से बचाव रहता है।

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सुख-समृद्धि दिलाएगा लाल रंग का स्वास्तिक 

स्वास्तिक को प्रथम पूजनीय गणेश जी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इसे घर के मुख्य द्वार, मंदिर व रसोई की दीवार पर बनाने से सुख-समृद्धि आती है।

वास्तु दोष होगा करेगा लाल रंग का स्वास्तिक 

घर के मेन गेट पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाएं। माना जाता है कि इससे वास्तुदोष दूर होता है। ऐसे में घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है। 

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बच्चों की एकाग्रता बढ़ाएगा लाल रंग का स्वास्तिक 

बच्चों का मन चंचल होता है। ऐसे में वे पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। इसके लिए सफेद कागज पर लाल रंग की रोली से स्वास्तिक बनाकर उसपर सरस्वती मंत्र लिख दें। फिर इस कागज को बच्चे के स्टडी रूम या पढ़ने की जगह पर रख दें। इससे उनकी एकाग्रता बढ़ने से पढ़ाई में ध्यान लगेगा। 

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