नवदुर्गा, नवरात्रि और दुर्गापूजा नाम चाहे जो पुकारें लेकिन माता को लेकर लोगों की आस्था एक सी है। वैसे तो दुनिया भर में नवरात्रि की धूम है पर पश्चिम बंगाल का नजारा कुछ अलग ही होता है। भव्य पंडाल, रंगों की छटा, तेजस्वी चेहरों वाली देवियां, सिंदूर खेला ऐसा शानदार नजारा और कहीं देखने को नहीं मिलता।
बंगाल में लगभग हर गली मुहल्ले में पंडाल सजाकर माता की पूजा होती है। यहां अलग-अलग थीम्स पर पंडाल बनाए जाते हैं। इनही पंडालों को देखने के लिए हर साल लाखों लोग यहां पहुंचते हैं।
इस बार पश्चिम बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को कोलकाता में दुर्गा पूजा पंडाल का विषय बनाया गया है, जिसमें दुर्गा को मृत बच्चे की मां के तौर पर दिखाया गया है।
पंडाल काले कपड़े से ढका जाएगा। इसमें अपने बच्चे को खोने वाली महिला को विलाप करते हुए, जबकि पृष्ठभूमि में बच्चे की खेलते हुए तस्वीर दिखाई गई है। इसमें उन माताओं को चित्रित करके वास्तविकता को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं जो फिर कभी जश्न नहीं मना पाएंगी।
पहली बार मूर्ति को सिलिकॉन से तराशा गया है जिसमें एक मां को एक बच्चे को दुलारते हुए दर्शाया गया है। देवी के अन्य बच्चे गणेश, सरस्वती और लक्ष्मी उनके बगल में खड़े हैं। ये सभी देखने में मनमोहक लग रहा है।
कोलकाता के नामी पूजा कमेटी श्री भूमि स्पोर्टिंग क्लब ने इस वर्ष वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स बेसिलिका चर्च की थीम पर पूजा पंडाल बनाया गया है। बताया जा रहा है कि 100 से अधिक कारीगरों ने इसे पंडाल को बनाया है, जिसे पूरा होने में लगभग 60 दिन लगे।
95 पल्ली जोधपुर पार्क में एक पंडाल में देवी दुर्गा पूजा की एक विशाल प्रतिमा ने सबका मन मोह लिया। इस पूजा पंडाल को लेकर लोगों में काफी उत्साह है और इसकी खूब तारीफ की जा रहा है