सेहतमंद रहने के लिए शरीर को सभी उचित तत्व मिलने चाहिए। नहीं तो इम्यूनिटी कमजोर होकर बीमारियों की चपेट में आने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में ही बात अगर प्रोटीन की करें इसे सही मात्रा में लेना बेहद जरूरी है। यह मांसपेशियों के निर्माण के साथ कोशिकाओं के विकास में मदद करता है। सेहत और त्वचा दोनों को ही फायदा मिलता है। मगर बात इसके सेवन की करें तो कुछ लोगों को अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है। तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं। मगर उससे पहले जानते हैं प्रोटीन का सेवन करने के कारण...
इसलिए है प्रोटीन जरूरी
- इम्यूनिटी बढ़ाता है।
- बाल, नाखून तेजी से बढ़ते हैं।
- थकान, कमजोरी दूर होगी।
- शरीर के अंदर अलग-अलग फंक्शन्स करने में मदद मिलती है।
- पाचन शक्ति होगी मजबूत।
- शरीर में मौजूद खराब टिशू रिपेयर होने में मदद मिलती है।
- मांसपेशियां और हड्डियां अंदर से मजबूत होते हैं।
- शरीर का पीएच स्तर सामान्य रहता है।
प्रोटीन की कमी होने के नुकसान
- बाल, नाखूनों में कमजोरी आने से वे टूटने लगते हैं।
- मांसपेशियों व हड्डियों में अकड़न व दर्द होता है।
- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होना।
इन लोगों को प्रोटीन की अधिक जरूरत
जिम जाने वाले लोग
जो लोग जिम जाकर या घर पर ही वर्कआउट करते हैं, उन्हें खासतौर पर प्रोटीन की जरूरत होती है। असल में, प्रोटीन शरीर में मांसपेशियो के निर्माण के साथ कोशिकाओं का विकास करने में मदद करता है। साथ ही शरीर के अंदर मौजूद खराब टिशू रिपेयर करने का काम करता है। ऐसे में एक्सरसाइज करने के बाद मांसपेशियों की रिकवरी करने में प्रोटीन अहम भूमिका निभाता है।
सही वजन पाने के लिए
जो लोग अपने दुबलेपन से परेशान है उन्हें अपनी डाइट में अधिक प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। इससे भूख कंट्रोल होने के साथ मांसपेशियों को नुकसान कम पहुंचता है। साथ ही सही वजन दिलाने में मदद मिलती है।
36 से 55 साल के लोग
इस आयु वर्ग में आकर लोगों को भी अपनी डाइट में प्रोटीन को जरूर शामिल करना चाहिए। इससे उन्हें बढ़ती उम्र में मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होने की परेशानी से आराम रहता है। इसके अलावा 45 की उम्र के बाद बहुत से लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल और बीपी की परेशानी होने का खतरा रहता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स द्वारा भी इन्हें सेहत का ध्यान रखते हुए अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर चीजों को शामिल करने की सलाह दी जाती है।
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोग
अंडरएक्टिव थायराइड रोग कहलाने वाली इस बीमारी से अधिकतर महिलाओं को होती है। यह वह स्थिति है जब थायरॉयड ग्रंथि सही से थायरॉयड हार्मोन बनाने में असक्षम होती है। ऐसे में शरीर का वजन बढ़ने या कम होने की परेशानी होने लगती है। इससे बचने के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है। सही मात्रा में शरीर को प्रोटीन मिलने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। ऐसे में वजन कंट्रोल में रहकर स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
शाकाहारी लोगों के लिए
असल में, नॉन वेज प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत माना जाता है। ऐसे में नॉन वेजिटेरियन लोग आसानी से प्रोटीन की कमी को पूरा कर लेते हैं। इसके विपरित शाकाहारी लोग वेज फूड से अपनी प्रोटीन की कमी को पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उन्हें सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मगर वेजिटेरियन चीजों में भी प्रोटीन होने से इसे अपनी डाइट में इसे शामिल करने की जरूरत है।
तो चलिए अब जानते हैं प्रोटीन के स्रोत
शाकाहारी लोगों के लिए
- राजमा
- काला या सफेद चना
- मूंग, तुअर, उड़द, मसूर आदि दालें
- हरी व पत्तेदार सब्जियां
- ताजे व विटामिन सी से भरपूर फल
- सूखे मेवे
- गेहूं, मक्का, बाजरा, चावल, ओट्स, क्विनोआ आदि मोटे बीज
- डायरी प्रोडक्ट्स
- खरबूजा, कद्दू, चिया, अलसी व सूरजमुखी के बीज
मांसाहारी लोगों के लिए
- चिकन
- अंडा
- मछली
- मटन
- रेड मीट
- एग व्हाइट
- सी- फूड्स