जीवन में सुख-समृद्धि व धन की हर कोई कामना करता है। ऐसे में बहुत से लोग धन की लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। देवी को शुक्रवार का दिन समर्पित होने से इन दिन विधि-विधान से व्रत रखा जाता है। वहीं हर साल भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी से पितृ पक्ष में आश्विन कृष्ण अष्टमी तक भी महालक्ष्मी के व्रत रखे जाते हैं। यह व्रत पूरे 16 दिनों तक रखें जाते हैं। इस साल ये पावन व्रत 13 से 28 सितंबर तक पड़ रहे हैं। मान्यता है कि इन दिनों में देवी मां की पूजा व व्रत करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। मगर इस दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। चलिए जानते हैं इनके बारे में...
3 दिन व्रत रखने से भी मिलेगा मां का आशीर्वाद
आप चाहे तो अष्टमी, पूर्णिमा और फिर अष्टमी 3 दिन का व्रत रख सकती है।
महालक्ष्मी व्रत करने का महत्व व कथा
महालक्ष्मी के इन पावन व्रत से जुड़ी कई कथाएं है। पौराणिक कथा अनुसार, पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से कौरवों द्वारा जुए में खोए हुए धन को दोबारा पाने के लिए तरीके पूछे थे। तब उस समय श्रीकृष्ण जी ने राज-पाठ वापस पाने के लिए युधिष्ठिर को महालक्ष्मी व्रत रखने व इसका पालन करने को कहा था। मान्यता है कि इन पावन व्रत को करने से सौभाग्य, सुख, समद्धि, धन की प्राप्ति होती है।
अन्य किंवदंती
. महालक्ष्मी के जुड़ी अन्य किंवदंती के मुताबकि भगवान शिव ने माता पार्वती को धन व सौभाग्य प्राप्ति के लिए ये व्रत रखने को कहे थे।
. इसके अलावा एक अन्य कथा में एक महिला को चारुमती के पास जाने का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि ऐसा करने के लिए उस महिला को देवी मां ने सपने में कहा था। ताकि वे उन्हें व्रत रखने को कह पाएं। तब चारुमती ने अन्य महिलाओं के साथ महालक्ष्मी का पावन व्रत रखा। व्रत के समाप्त होने पर उसने खुद को अपने घर को धन से भरा हुआ पाया था। उस दिन से इस व्रत को रखने के विधान शुरू हो गया।
महालक्ष्मी व्रत दौरान इन बातों का रखें ध्यान
. इन शुभ दिनों पर खासतौर पर किसी की बुराई करने बचें।
. ज्यादा समय तक मौन रहे और मन में कामना करें कि देवी लक्ष्मी की हाथी पर सवार होकर हमारे घर में वास कर रही है।
. मानसिक जाप करते रहें।
. हमेशा सत्य का पालन करें।
. सात्विक भोजन खाएं।
. घर का माहौल खुशनुमा रखें।