वैजाइना इंफेक्शन महिलाओं में काफी आम हो गया है। रिसर्च की मानें तो 90% महिलाएं कभी ना कभी इंफेक्शन का शिकार जरूर होती है। हालांकि इसमें हेल्थ फैक्टर और दूसरी समस्याएं भी शामिल हैं, जो एक दूसरी से अलग होती हैं। कुछ महिलाएं को यूटीआई, ब्लैडर और यीस्ट इंफेक्शन को कॉमन वैजाइनल इंफेक्शन समझ लेती हैं जबकि यह अलग-अलग होती हैं और इनका इलाज भी अलग-अलग होता है।
यीस्ट इंफेक्शन और यूटीआई में अंतर
-वैजाइनल यीस्ट इंफेक्शन कैंडिडा फंगस के कारण होता है, जिससे योनि में खुजली, जलन, चुभन और डिस्चार्ज की समस्या होती है। इसे कैंडिडियासिस और वजाइनल थ्रस्ट भी कहा जाता है। कैंडिडा फंगस से फैलने वाला यीस्ट इंफेक्शन का इलाज अगर सही समय पर इलाज ना किया जाए तो यह एनस (मल मार्ग), गट, मुंह, पेनिस और दूसरे हिस्सों में फैल सकता है।
-जबकि यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन बैक्टीरिया की वजह से पनपता है, जो यूरिन पाइप में दिक्कत पैदा करता है। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट यानी मूत्र मार्ग में ब्लैडर, किडनी, यूरेटर (ब्लैडर और किडनी को जोड़नेवाली ट्यूब), यूरेथ्रा (पेशाब को बाहर निकालने वाली ट्यूब ) को नुकसान हो सकता है।
क्या होता है ब्लैडर इंफेक्शन?
ब्लैडर इंफेक्शन यूटीआई का एक प्रकार है लेकिन फिर यह दोनों एक-दूसरे से अलग है। ब्लैडर में इंफेक्शन यहीं तक सीमित रहता है जबकि यूटीआई पूरे यूरिनरी ट्रैक्ट पर असर डालता है। हालांकि इन तीनों तरह के इंफेक्शन में पेशाब करते समय दर्द और जलन हो सकती है।
इन्हें अलर्ट रहने की ज्यादा जरूरत
1. से तो यह किसी भी महिला को कभी भी हो सकता है लेकिन गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, प्रेगनेंसी में इंफेक्शन होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। वहीं, इससे भ्रूण को भी नुकसान हो सकता है। ऐसे में योनि में किसी भी तरह की असहजता महसूस होने पर तुरंत चेकअप करवाना चाहिए।
2. सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष व बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। गर्भावस्था, ऐंटिबायॉटिक्स का अधिक यूज और कमजोर इम्यूनिटी वालों को इसका अधिक खतरा रहता है।
3. डायबिटीज, बर्थ कंट्रोल पिल्स, वैजाइनल स्प्रे और टाइट अंडरवेयर पहनने वाली महिलाओं में भी इंफेक्शन की संभावना अधिक रहती है।
क्यों होता है इंफेक्शन?
1. जब वैजाइना में कुछ कारणों से बैक्टीरिया और यीस्ट का संतुलन गड़बड़ा जाता है तो यीस्ट इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।
2. वहीं, यूटीआई बैक्टीरिया की मात्रा अधिक होने के कारण पनपता है, जो धीरे-धीरे वैजाइना, ब्लैडर, किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट तक फैल जाता है।
3. यूरिन पास करते समय वॉटर पाइप से वैजाइना पर तेज प्रेशर नहीं डालना चाहिए। दरअसल, यह गुड बैक्टीरिया को हानि पहुंचाता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
4. इसके अलावा असुरक्षित इंटरकोर्स , साफ-सफाई का ध्यान ना रखना, लूब्रिकेंट के कारण भी इंफेक्श की संभावना रहती है।