त्यौहारों में घर की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती है रंगोली। त्यौहारों के मौके पर लोग दुकान, घर और आफिस की चौखट पर रंगोली जरूर बनाते हैं। धार्मिक नजरिए से रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है। पहले के समय में लोग रंग-बिरंगे फूलों, चावल, सिंदूर, हल्दी और लकड़ी के भूरे से ही रंगोली बनाते थे लेकिन आजकल मार्कीट में बहुत से रंग आसानी से मिल जाते हैं।
रंगोली क्यों बनाई जाती हैं?
त्यौहारों के मौके पर रंगोली बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी या माता दुर्गा जी के स्वागत के लिए रंगोली बनाई जाती है। साथ ही इससे घर में सुख समृद्धि भी बना रहती है और नाकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है। वहीं, कहा जाता है कि हर किसी को हफ्ते में 1 बार बिना किसी वजह घर के मुख्य दरवाजे के पास रंगोली जरूर बनानी चाहिए।
क्या है रंगोली का महत्व ?
रंगोली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द 'रंगावली' से हुई है, जिसका अर्थ है रंगों की पंक्ति। देश के अलग-अलग राज्यों में इसे अल्पना, कोल्लम, मांडना, चौक, संस्कार भारती और साथिया भी कहा जाता है। भले ही नाम अलग-अलग हो लेकिन रंगोली बनाने का महत्व एक ही है। वहीं, ऐतिहासिक नजरिए से भारत में रंगोली का आगमन मोहन जोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता से माना जाता है।
चलिए आपको बताते हैं कि रंगोली बनाने से क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
नेगेटिव एनर्जी को रखती है दूर
कहा जाता है कि मुख्य द्वार पर बनी रंगोली नेगेटिव एनर्जी को घर में घुसने नहीं देती। वहीं इससे परिवार के सदस्यों में सकारात्मक माहौल भी बना रहता है।
रंगोली से आती है सुख और शांति
मान्यताओं के अनुसार, रंगोली बनाने से घर में सुख, शांती और समुद्धी आती है।
घर में सौभाग्य का आगमन
रंगोली बनाने से घर में सौभाग्य का आगमन होगा और सारी सारी बुरी एनर्जी बाहर निकल जाती है। इससे सारे दोष दूर होते हैं और जीवन में खुशीयों आती हैं।
बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण
दरअसल, रंगोली बनाते समय अंगुली और अंगूठा मिलकर ज्ञानमुद्रा बनाते हैं। इससे ना सिर्फ मस्तिष्क ऊर्जावान और सक्रिय होता है बल्कि यह बौद्धिक विकास में भी मदद करती है।
हाई ब्लड प्रेशर होता है कंट्रोल
रंगोली बनाते समय शरीर के ऐसे एक्यूप्रेशर पॉइंट्स एक्टिव हो जाते हैं, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, मानसिक समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही इससे आत्मिक शांति भी मिलती है।
भले ही बदलते वक्त के साथ रंगोली बनाने का तरीका बदल गया हो लेकिन इसका महत्व आज भी बरकरार है।