होली का त्योहार मौज-मस्ती वाला होता है। इसमें एक-दूसरे को प्यार से रंग लगाकर होली विश करते है। इस त्योहार में अलग-अलग कलर से खेलने के लिए बच्चे सबसे ज्यादा उत्साहित होते है। वे कई दिनों पहले ही इसे मनाने लगते है। मगर इसे खेलने के लिए बच्चों की खासतौर पर सेफ्टी रखने की जरूरत होती है। बच्चे तो नादान होते है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज है कि उनकी सेफ्टी का ध्यान रखें। तो चलिए जानते है पेरेंट्स को बच्चों को होली खेलने से पहले किन बातों को बताना जरूरी है...
न भेजें घर से बाहर
होली एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी मौज-मस्ती और शोर- शराबे के साथ मनाते है। लोग गलियों और सड़कों पर अपनी बाइक और कारों में घूमते है और ढोल- नगाड़ों के साथ इसे सेलिब्रेट करते है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि वे अपने बच्चों का खास ध्यान रखें। उन्हें अकेले घर से बाहर जाने और अंजान लोगों से होली मनाने की इजाजत दें। अगर कहीं बच्चा घर से बाहर जाने को कहता भी है तो उसके साथ जाए। इसके साथ घर पर भी उन्हीं लोगों को होली खेलने के लिए बुलाएं जिनपर आपको भरोसा हो।
पानी से होली न खेलने दें
रंगों के त्योहार होली को पानी से नहीं बल्कि गुलाला से ही मनाएं। चाहे बाकी बच्चे या लोग पानी से होली खेलते रहें लेकिन आप अपने बच्चों को ऐसा करने की परमिशन न दें। इसके साथ ही होली सेलिब्रेट करने के लिए ऑर्गेनिक कलर ही खरीद कर दें। अगर आपका बच्चा पानी से होली खेलने की जिद्द कर रहा है तो उसे एक अच्छी सी पिचकारी लाकर दें। इसके साथ ही उसे ज्यादा देर तक पानी से होली खेलने न दें।
सेफ्टी एक्सेसरीज जरूर पहनाएं
होली खेलने से पहले बच्चों को सेफ्टी एक्सेसरीज पहनाना न भूलें। उन्हें आंखों पर चश्मा और सिर पर कैप पहनाकर ही होली खेलने भेजे। इसके साथ ही स्किन पर क्रीम जरूर लगाएं। ताकि रंग का प्रभाव स्किन पर न पड़े। इसके अलावा बच्चों को फुल कपड़े पहनाकर ही होली खेलने के लिए जाने दें।
झगड़े से बचें
जिन लोगों को रंग पसंद नहीं उनके साथ होली खेलने की जबरदस्ती न करें। मगर बच्चे इस बात पर ध्यान नहीं देते और किसी पर भी रंग डाल देते है जो सामने वाले से झगड़ा होने का कारण बनता है। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को पहले से ही समझा कर होली खेलने दें।
खाने की चीजों का भी रखें ख्याल
अगर आपने होली के त्योहार पर अपने घर पार्टी रखी है। या होली मनाने के लिए आपके फ्रेंड्स, पड़ोसी और रिश्तेदार आपके घर आ रहें है तो उनके खाने-पीने का अच्छे से ध्यान रखें। इसके साथ ही बच्चों पर ध्यान रखें कि वो जरूरत से ज्यादा न खाएं। उनके खाने पर कंट्रोल रखें ताकि वो बीमार न पड़ जाएं।
सही- गलत की करवाएं पहचान
बच्चों के लिए क्या सही होता है और क्या गलत उन्हें इस चीज की पहचान नहीं होती हैं। वे वहीं करना पसंद करते है जो उन्हें पसंद होता है। ऐसे में आपका फर्ज है कि बच्चों की जरूरतों का ध्यान रखें और सही चीज और काम उन्हें करने दें।